मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले में जमालपुर रेलवे स्टेशन पर एक बड़ा हादसा होते-होते बचा जब एक रेल इंजन बिना ड्राइवर के अपने आप चल पड़ा और पटरी से उतर गया। यह घटना शुक्रवार शाम को हुई जब जमालपुर स्टेशन के रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआई) क्रॉसिंग के पास एक रेल इंजन के तीन पहिए पटरी से उतर गए। इस घटना के कारण कुछ देर तक स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल रहा, लेकिन कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ।
कैसे हुआ हादसा?
रेलवे सूत्रों के अनुसार, इलेक्ट्रिक इंजन संख्या 30029 को जमालपुर स्टेशन के लाइन नंबर तीन पर खड़ा किया गया था। इंजन खड़ा करने के बाद शंटिंग मैन और लोको पायलट वहां से चले गए थे। कुछ देर बाद अचानक इंजन अपने आप करीब 50 मीटर आगे बढ़ गया और आरआरआई क्रॉसिंग के पास जाकर पटरी से उतर गया। घटना के बाद रेलवे कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने की कोशिश की।
रेलवे कर्मियों की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही इंजन के पटरी से उतरने की सूचना मिली, इंजीनियरिंग और कैरेज विभाग के कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने जैक और अन्य उपकरणों की मदद से पटरी से उतरे पहियों को वापस लाने की कोशिशें शुरू कीं। इसके बाद से ट्रेनों का परिचालन आंशिक रूप से रोक दिया गया ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
किऊल-जमालपुर-भागलपुर रेलखंड प्रभावित
इस घटना के बाद किऊल-जमालपुर-भागलपुर रेलखंड की लाइन नंबर तीन पर ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया, जिससे कई ट्रेनें प्रभावित हुईं। डाउन रूट पर दिल्ली से कामाख्या जाने वाली ब्रह्मपुत्र मेल और अप रूट पर साहिबगंज से दानापुर जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस को भी इस वजह से आधे घंटे तक रोकना पड़ा। हालांकि, अन्य लाइनें चालू रहीं और बाकी ट्रेनों का परिचालन सामान्य रूप से जारी रहा।
रेलवे अधिकारियों में मचा हड़कंप
जमालपुर स्टेशन पर हुई इस घटना के बाद रेलवे अधिकारियों में हड़कंप मच गया। रेलवे के पीडब्ल्यूआई (पर्मानेंट वे इंस्पेक्टर) और सेक्शन इंजीनियर की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद मालदा रेल मंडल की ओर से इस मामले की जांच के आदेश जारी किए गए हैं ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो सकें और सुरक्षा मानकों को बेहतर किया जा सके।
बचाव और राहत कार्य में देरी पर उठे सवाल
घटना के करीब दो घंटे बाद भी राहत और बचाव वाहन (एआरटी) मौके पर नहीं पहुंचा था, जिस पर कई सवाल उठ रहे हैं। इस संबंध में जमालपुर स्टेशन के प्रबंधक संजय कुमार ने बताया कि इंजन के पटरी से उतरने के बाद ट्रेनों के परिचालन पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ लाइन नंबर तीन से ट्रेनों की आवाजाही बंद की गई है, जबकि बाकी लाइनें चालू रखी गई हैं।
रेलवे की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना ड्राइवर के इंजन का अपने आप चल पड़ना और पटरी से उतर जाना गंभीर चिंता का विषय है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ऐसे हादसे को रोकने के लिए सभी सुरक्षा मानकों का पालन करना और इंजन की नियमित जांच आवश्यक है। इस घटना से यह साफ है कि सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जाना चाहिए ताकि यात्रियों की सुरक्षा में कोई चूक न हो।
जांच के आदेश और भविष्य की सावधानियां
रेलवे प्रशासन ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और जल्द ही इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। मालदा रेल मंडल की टीम इस बात की जांच करेगी कि इंजन अपने आप क्यों और कैसे चला और इस प्रकार की घटना भविष्य में न हो, इसके लिए क्या सुधार किए जा सकते हैं।
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