दरभंगा: बीती रात दरभंगा के डीएमसीएच (दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) में एक अजीब और शर्मनाक घटना सामने आई, जब ड्यूटी पर तैनात एक जूनियर डॉक्टर के साथ बाइक पर सवार तीन बदमाशों ने बदसलूकी की। घटना के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए छानबीन शुरू कर दी है।
रास्ते में साइड न देने पर हुई बदसलूकी
डीएमसीएच के एनेस्थीसिया विभाग के जूनियर डॉक्टर डॉ. भाग्यवर्धन अपनी कार से इमरजेंसी विभाग से गायनेकोलॉजी (गायनिक) विभाग की ओर जा रहे थे, तभी यह घटनाक्रम हुआ। डॉ. भाग्यवर्धन के मुताबिक, जब वे अपनी कार से जा रहे थे, तो एक अवेंजर बाइक पर सवार तीन युवक लगातार हॉर्न बजा रहे थे, जबकि सामने एक ई-रिक्शा खड़ा हुआ था। डॉक्टर ने इन युवकों से कहा कि वे तब पास देंगे जब साइड मिलेगा, क्योंकि सड़क पर जाम की स्थिति थी और वे अपनी कार को आगे बढ़ा नहीं पा रहे थे।
गाली-गलौज और धक्का-मुक्की
डॉ. भाग्यवर्धन ने जब इन युवकों से अपनी कार को रास्ते में लाने की विनती की, तो युवक गुस्से में आ गए और बाइक को कार के सामने खड़ा कर दिया। इसके बाद तीनों बदमाशों ने गाली-गलौज शुरू कर दी और डॉक्टर के साथ धक्का-मुक्की करने लगे। घटना के दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने हंगामा सुनकर मौके पर पहुंचने की कोशिश की, लेकिन तीनों बदमाश मौके से फरार हो गए।
बदसलूकी करने वाला एक बदमाश डीएमसीएच में कार्यरत
डॉ. भाग्यवर्धन ने बताया कि उन्होंने इन तीन बदमाशों में से एक को पहचान लिया है, जो डीएमसीएच में कार्यरत है। पहचान किए गए बदमाश का नाम आशुतोष है और वह आयुष्मान भारत योजना में काम करता है। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच शुरू कर दी।
स्थानीय थाना को दी गई जानकारी
घटना की जानकारी स्थानीय थाना को दी गई, और पुलिस की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है और तीनों बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है। थाना अध्यक्ष ने पुष्टि की कि चिकित्सक की शिकायत के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की है। उन्होंने यह भी बताया कि बदमाशों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी
पुलिस ने बताया कि मामले में एक आरोपी का नाम सामने आ चुका है, जो डीएमसीएच के कर्मचारी के रूप में कार्यरत है। पुलिस का कहना है कि इस घटना के बाद इस प्रकार के मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की टीम आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।
किसे जिम्मेदार ठहराएं?
यह घटना दर्शाती है कि अस्पताल परिसर में भी सुरक्षा व्यवस्था की कितनी कमी हो सकती है। जहां अस्पताल में मरीजों की जान बचाने वाले डॉक्टरों की सुरक्षा पर भी सवाल उठते हैं। जूनियर डॉक्टरों के साथ इस तरह की बदसलूकी से न केवल उनके मनोबल पर असर पड़ता है, बल्कि अस्पताल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठते हैं।
निष्कर्ष
डॉ. भाग्यवर्धन के साथ हुए इस अपमानजनक व्यवहार ने यह साफ कर दिया है कि अब समाज में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। अस्पताल परिसर में काम कर रहे कर्मचारियों, मरीजों और डॉक्टरों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। पुलिस प्रशासन को अब इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
यह घटना दरभंगा जिले में बढ़ती असामाजिक तत्वों की गतिविधियों की ओर इशारा करती है और यह दर्शाता है कि कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए स्थानीय प्रशासन को और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
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