दरभंगा: छठ महापर्व के अवसर पर नगर निगम की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। शहर की स्वच्छता और साफ-सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है, लेकिन हाल के दिनों में इसकी कार्यप्रणाली पर स्थानीय नागरिकों का असंतोष बढ़ता जा रहा है। नगर निगम के कई दावों के बावजूद, दरभंगा के प्रमुख स्थानों और ऐतिहासिक स्थलों की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। विशेषकर दरभंगा रेलवे स्टेशन के पास स्थित हराही पोखर में बढ़ती गंदगी और जलभराव ने स्थानीय नागरिकों को चिंता में डाल दिया है।
नगर निगम का विरोधाभासी स्लोगन और वास्तविकता
दरभंगा नगर निगम ने अपने स्लोगन में लिखा है, “इस धरती को स्वर्ग बना दें, गंदगी को दूर भगा दें।” लेकिन विडंबना यह है कि जिस स्थान पर यह स्लोगन लिखा गया है, वहां की स्थिति इसकी पूरी तरह से विपरीत है। दरभंगा रेलवे स्टेशन के पास स्थित हराही पोखर के आसपास गंदगी और कचरे का अंबार लगा हुआ है, जिससे वहां से गुजरना भी मुश्किल हो रहा है। पोखर का पानी इतना दूषित हो चुका है कि छठ महापर्व के दौरान यहां पूजा करना भी असंभव सा प्रतीत हो रहा है।
नगर निगम की लापरवाही की पोल खुली
हराही पोखर एक ऐतिहासिक जलाशय है, जो न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह तालाब शहर के लोगों के लिए एक प्रमुख स्थान है, खासकर छठ महापर्व के दौरान जब श्रद्धालु यहां स्नान करने आते हैं। मगर नगर निगम की लापरवाही ने इसे एक गंभीर समस्या बना दिया है। इस तालाब का पानी प्रदूषित हो चुका है, और इस तालाब के किनारे फैली गंदगी ने न केवल इसकी सुंदरता को नष्ट कर दिया है, बल्कि स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर भी खतरा उत्पन्न कर दिया है। छठ के पर्व के दौरान यहां स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को दूषित जल में स्नान करने की मजबूरी हो सकती है, जिससे उनकी सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है।
पेंशनर एसोसिएशन की नाराजगी और मांग
पेंशनर एसोसिएशन के बिहार सहायक महामंत्री रामस्वार्थ सिंह ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए इस ऐतिहासिक तालाब की सफाई और सौंदर्यीकरण की मांग की है। उन्होंने कहा, “छठ महापर्व के समय नगर निगम को सिर्फ औपचारिक सफाई करने के बजाय नियमित रूप से इस तालाब की सफाई करनी चाहिए।” उनके मुताबिक, तालाब के आस-पास फैला कचरा और गंदगी इस स्थल की सुंदरता को नष्ट कर रही है, और इसके आसपास का वातावरण अस्वस्थ हो चुका है। उन्होंने नगर निगम से अपील की कि तालाब के आसपास के सभी कचरे को हटाकर इसे फिर से स्वच्छ और सुंदर बनाया जाए ताकि यह तालाब न केवल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयुक्त हो, बल्कि दरभंगा शहर की सुंदरता में भी योगदान दे।
स्वच्छता पर मंडरा रहा खतरा
हराही पोखर की सफाई में लापरवाही ने दरभंगा नगर निगम की स्वच्छता की नीति पर सवाल खड़ा किया है। अगर यही स्थिति रही तो शहर की साफ-सफाई और सुंदरता पर गंभीर संकट आ सकता है। गंदगी और कचरे से न केवल तालाब की प्राकृतिक सुंदरता खत्म हो रही है, बल्कि यह स्थानीय नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है। स्थानीय लोग नगर निगम से इस ऐतिहासिक स्थल को बचाने और इसे स्वच्छ बनाने की मांग कर रहे हैं, ताकि छठ महापर्व को सही तरीके से मनाया जा सके।
छठ महापर्व के दौरान विशेष सफाई अभियान की आवश्यकता
छठ महापर्व एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस महापर्व के दौरान विशेष रूप से सफाई अभियान चलाना अत्यंत आवश्यक है। नगर निगम को चाहिए कि वह केवल औपचारिक सफाई के बजाय पूरे शहर में नियमित रूप से सफाई अभियान चलाए और खासकर ऐतिहासिक जलाशयों जैसे हराही पोखर की सफाई को प्राथमिकता दे। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यहां का पानी स्वच्छ हो, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से स्नान कर सकें और अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभा सकें।
इसके अलावा, नगर निगम को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि धार्मिक स्थानों और ऐतिहासिक धरोहरों की सफाई और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि ये स्थान न केवल धार्मिक कार्यों के लिए उपयुक्त रहें, बल्कि शहर की स्वच्छता और सुंदरता में भी योगदान दें।
निष्कर्ष
दरभंगा शहर में छठ महापर्व के दौरान स्वच्छता और सफाई की स्थिति को लेकर नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। हराही पोखर में फैली गंदगी और दूषित जल ने स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं को परेशान कर दिया है। नगर निगम को चाहिए कि वह इस ऐतिहासिक तालाब की सफाई और सौंदर्यीकरण को प्राथमिकता दे, ताकि छठ महापर्व को सही ढंग से मनाया जा सके और शहर की स्वच्छता सुनिश्चित की जा सके।
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