दीपावली और छठ के त्योहारों के बीच शिक्षकों को समय पर वेतन न मिलने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पहली बार ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर वेतन जारी किया जा रहा है, लेकिन ई-शिक्षा कोष ऐप में गड़बड़ियों के कारण कई शिक्षकों को पूरा वेतन नहीं मिल पा रहा है। महिला शिक्षकों को हर महीने दो विशेष अवकाश (एसएल) मिलते हैं, पर ऐप में यह सुविधा सही तरीके से लागू नहीं हो रही, जिससे कई बार वे अनुपस्थित दर्ज हो जाती हैं।
शिक्षक संघ का विरोध, सरकार पर लगाए आरोप
तिरहुत प्रमंडल के परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रभारी लखन लाल निषाद ने कहा कि उपस्थिति पंजी के आधार पर जिला में वेतन एडवाइस भेजा गया है, लेकिन वेतन भुगतान ई-शिक्षा कोष ऐप के आधार पर हो रहा है। कई शिक्षक शिकायत कर रहे हैं कि वे उपस्थिति दर्ज करते हैं, लेकिन ऐप में वह गायब हो जाती है, और इसके चलते उन्हें वेतन नहीं मिल पाता।
शिक्षा विभाग पर आरोप: शिक्षक संघ का आरोप है कि सरकार और शिक्षा विभाग इस ऐप को शिक्षकों को उलझाने के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। शिक्षक संघ ने मांग की है कि पहले ऐप की समस्याओं को दूर किया जाए और फिर इसका उपयोग वेतन भुगतान के लिए किया जाए।
वेतन में गड़बड़ियों से प्रभावित शिक्षकों का आक्रोश
शिक्षकों का कहना है कि ई-शिक्षा कोष ऐप के कारण वर्तमान में औसतन 50 विद्यालयों में 30 शिक्षक इससे प्रभावित हो रहे हैं। बिहार सरकार के इस फैसले ने शिक्षकों के सामने कई समस्याएं खड़ी कर दी हैं और वे समय पर वेतन न मिलने के कारण परेशान हैं।
निष्कर्ष: एक ओर पुलिस प्रशासन में लापरवाही पर कोर्ट का सख्त रवैया देखा जा रहा है, वहीं शिक्षा विभाग में ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर समस्याएं बढ़ रही हैं। शिक्षक संघ ने सरकार से मांग की है कि वेतन भुगतान में सुधार कर उन्हें राहत दी जाए, ताकि शिक्षा व्यवस्था सही ढंग से चल सके।
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