Vibhutipur Vaccine Courier Protest: Samastipur जिले के Vibhutipur में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कुरियर कर्मियों ने बुधवार को प्रदर्शन किया। इनका आरोप है कि महीनों से वेतन का भुगतान समय पर नहीं हो रहा और काम के दौरान मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं की भी भारी कमी है। इस मुद्दे पर दर्जनों कुरियर कर्मियों ने एकजुट होकर सड़क पर उतरकर आवाज़ बुलंद की। यह आंदोलन अब जिले की एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है और इसका सीधा असर वैक्सीन आपूर्ति पर भी पड़ सकता है।
कुरियर कर्मियों की मुख्य मांगें और प्रदर्शन की वजह

Vibhutipur के कुरियर कर्मियों ने कहा कि वे लगातार लंबे समय से कम संसाधनों के बीच काम कर रहे हैं। वैक्सीन डिलीवरी जैसी ज़िम्मेदारी भरा काम करने के बावजूद उन्हें न तो उचित वेतन मिल रहा है और न ही कोई अतिरिक्त भत्ता। हालात यह हैं कि कई बार उन्हें अपनी जेब से खर्च करके वाहनों का इंतज़ाम करना पड़ता है।
Vaccine Courier Protest के दौरान कर्मियों ने नारेबाज़ी करते हुए स्वास्थ्य विभाग से तुरंत समाधान की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी समस्याओं का हल नहीं निकाला जाएगा, तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। यह प्रदर्शन केवल वेतन के लिए नहीं है, बल्कि कार्य परिस्थितियों को सुधारने की मांग भी इसमें शामिल है।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर असर और लोगों की चिंता
कुरियर कर्मियों के प्रदर्शन का सीधा असर वैक्सीन वितरण व्यवस्था पर पड़ रहा है। जिले के ग्रामीण इलाकों में रोज़ाना हजारों खुराक की सप्लाई इन्हीं कर्मियों के माध्यम से होती है। अगर आंदोलन लंबा चला तो इसका असर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण कार्यक्रम पर पड़ सकता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार को इनकी समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए। वैक्सीन की कमी से बीमारियों पर नियंत्रण मुश्किल हो सकता है। हाल ही में राज्य सरकार ने दावा किया था कि समस्तीपुर जिले में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जा रहा है, लेकिन ऐसी घटनाएं तस्वीर का दूसरा पहलू दिखाती हैं।
सरकार और विभाग की भूमिका पर सवाल

कुरियर कर्मियों का कहना है कि वे कई बार जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को अपनी समस्याओं से अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। ऐसे में अब उनके पास आंदोलन का रास्ता अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। जानकारों का मानना है कि यह समस्या केवल Vibhutipur तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य जिलों में भी कुरियर कर्मियों को यही परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वह एक ठोस नीति बनाए, जिससे कुरियर कर्मियों को समय पर वेतन और सुविधाएं मिल सकें।
अगर समय रहते सरकार ने समाधान नहीं निकाला तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक इस स्थिति के बने रहने से पूरे राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
समाधान की राह और भविष्य की उम्मीद
- नियमित वेतन भुगतान – कुरियर कर्मियों को समय पर वेतन और भत्ते दिए जाएं।
- सुरक्षा और सुविधा – वैक्सीन ले जाने के दौरान उन्हें वाहन, यूनिफॉर्म और अन्य सुरक्षा साधन उपलब्ध कराए जाएं।
- सरकारी नीति – स्वास्थ्य विभाग को एक स्थायी नीति तैयार करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं दोबारा न हों।
- जनहित पर असर – आंदोलन लंबा खिंचने से वैक्सीनेशन प्रोग्राम बाधित होगा, जिसे तुरंत रोका जाना ज़रूरी है।
- स्थानीय प्रशासन की भूमिका – जिला प्रशासन को बीच-बचाव करके जल्द से जल्द समस्या का हल निकालना चाहिए।
यह मुद्दा सिर्फ आज का नहीं है, बल्कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में एक सतत समस्या है, जो बार-बार अलग-अलग रूपों में सामने आती रहती है। जब तक कुरियर कर्मियों और स्वास्थ्य व्यवस्था की बुनियाद मजबूत नहीं होगी, तब तक ऐसी समस्याएं बनी रहेंगी।
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