बागमती एक्सप्रेस डिरेल, 16 अक्टूबर को होगी जांच
मैसूर से दरभंगा आ रही बागमती सुपरफास्ट एक्सप्रेस शुक्रवार को तमिलनाडु के कवरापेट्टई रेलवे स्टेशन के पास एक मालगाड़ी से टकराकर डिरेल हो गई। इस हादसे के बाद सभी 350 यात्री सुरक्षित रूप से घर पहुंचे हैं। ट्रेन सुबह 4:13 बजे समस्तीपुर पहुंची और 4:25 पर दरभंगा के लिए रवाना हुई। दरभंगा में ट्रेन 5:20 बजे पहुंची। समस्तीपुर में 64 यात्रियों को उतरना था, लेकिन केवल 25 यात्री ही उतरे।
समस्तीपुर के डीसीआई दिलीप कुमार की अगुवाई में रेलवे कर्मियों ने सभी यात्रियों को चाय और बिस्किट परोसे, जिससे यात्रियों को राहत मिली।
यात्रियों ने सुनाई अपनी दर्दभरी दास्तान
यात्रियों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि यह हादसा बहुत डरावना था। जंगल में बागमती एक्सप्रेस के डिरेल होने के बाद तेज झटका लगते ही यात्री अपनी सीटों से गिर गए। यात्रियों ने बताया कि डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़ गए थे और एक में आग भी लगी थी। हालांकि प्रशासन की तरफ से तुरंत मदद मिल गई, लेकिन कुछ यात्रियों का सामान खो गया, जिससे वे चिंतित हैं।
डीआरएम का बयान
डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रेन में सफर करने वाले समस्तीपुर के किसी भी यात्री को कोई गंभीर चोट नहीं आई। हल्की-फुल्की चोटों का इलाज चेन्नई में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी 350 यात्री सुरक्षित घर लौट आए हैं।
सुरेश यादव ने जताया दुख
दरभंगा के सुरेश यादव ने कहा कि त्योहार के लिए कपड़े और अन्य सामान लेकर ट्रेन में चढ़े थे, लेकिन हादसे के बाद उनका सामान खो गया। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह इस हादसे में गरीब यात्रियों के नुकसान का ध्यान रखें।
अंत में
इस घटना ने बागमती एक्सप्रेस के यात्रियों की खुशियों को प्रभावित किया है, लेकिन समस्तीपुर और दरभंगा के प्रशासन की तत्परता से सभी यात्री सुरक्षित लौटने में सफल हुए। 16 अक्टूबर को इस रेल हादसे की जांच की जाएगी, जिससे भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।
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