तेजप्रताप यादव: बिहार की राजनीति में एक नया समीकरण बन रहा है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और मौजूदा विधायक तेजप्रताप यादव ने पांच छोटे दलों के साथ मिलकर एक नया राजनीतिक मोर्चा बनाने की घोषणा की है। इस मौके पर उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महुआ सीट से चुनाव लड़ेंगे। तेजप्रताप का दावा है कि यह गठबंधन उन तबकों के लिए है जो अब तक विकास और राजनीतिक हिस्सेदारी से वंचित रहे हैं।
महुआ से दोबारा शुरुआत, बदला अंदाज
तेजप्रताप यादव 2015 में महुआ सीट से पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद वे हसनपुर से चुनाव लड़े और विधायक बने। अब वे फिर से महुआ से अपनी राजनीतिक पारी को नई दिशा देने जा रहे हैं। इस बार उनका अंदाज अलग है। पहले जहां वे अपनी छवि को शिवभक्ति और कृष्णभक्ति से जोड़कर रखते थे, वहीं अब वे संगठित रणनीति और गठबंधन राजनीति पर ध्यान दे रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह कदम तेजप्रताप की लंबे समय से चली आ रही अलग पहचान बनाने की कोशिश का हिस्सा है। इससे वे अपने समर्थक आधार को मजबूत करना चाहते हैं और बिहार चुनाव 2025 की तस्वीर में नई भूमिका निभा सकते हैं।
पांच दलों का अनोखा गठबंधन

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तेजप्रताप यादव का यह गठबंधन विकास वंचित इंसान पार्टी (वीवीआईपी), भोजपुरिया जन मोर्चा, प्रगतिशील जनता पार्टी, वाजिब अधिकार पार्टी और संयुक्त किसान विकास पार्टी को मिलाकर तैयार किया गया है। वीवीआईपी के नेता प्रदीप निषाद इस मंच पर उनके साथ मौजूद रहे और तेजप्रताप ने उन्हें निषाद समाज का असली प्रतिनिधि बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दल निषाद समाज के नाम पर राजनीति तो करते हैं लेकिन उनके लिए काम नहीं करते। यह गठबंधन, ग्रामीण विकास, किसान अधिकार, रोजगार सृजन और हाशिए पर रहे समुदायों की भागीदारी जैसे मुद्दों को केंद्र में रखकर आगे बढ़ने की योजना बना रहा है।
राजद और कांग्रेस को न्योता
तेजप्रताप यादव ने खुलकर कहा है कि अगर राजद और कांग्रेस वास्तव में सामाजिक न्याय की राजनीति करती हैं, तो उन्हें इस नई धुरी का हिस्सा बनना चाहिए। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। बिहार के राजनीतिक समीकरण में यह प्रस्ताव महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर यह गठबंधन और राजद-कांग्रेस एक मंच पर आते हैं तो यह भाजपा और एनडीए के लिए सीधी चुनौती बन सकता है। वहीं, विपक्षी दलों के लिए भी यह एकजुटता का संकेत हो सकता है
चुनावी समीकरण और संभावनाएं
बिहार में 2025 का विधानसभा चुनाव पहले से ही चर्चा में है। महुआ जैसी सीटें, जहां से तेजप्रताप यादव दोबारा चुनाव लड़ने जा रहे हैं, जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दों के हिसाब से बेहद अहम मानी जाती हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर यह गठबंधन जमीनी स्तर पर सक्रियता दिखाता है और स्थानीय मुद्दों पर मजबूत पकड़ बनाता है, तो यह कई सीटों पर मुकाबले को दिलचस्प बना सकता है।
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