समस्तीपुर में इस साल दुर्गा पूजा के लिए 47 स्थानों पर भव्य पंडाल बनाए गए हैं। समस्तीपुर शहर में 16 और आसपास के मुफस्सिल इलाकों में 31 स्थानों पर पूजा का आयोजन हो रहा है। विभिन्न पूजा पंडालों का निर्माण अंतिम चरण में है, जिनमें विभिन्न थीम और डिज़ाइन शामिल किए गए हैं।
लाल किला, कालिका मंदिर और अबू धाबी का हिंदू मंदिर जैसे प्रसिद्ध स्थलों की थीम पर बने पंडाल इस बार खास आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन पंडालों को बनाने में कलाकारों ने पिछले डेढ़ महीने से दिन-रात मेहनत की है। हर पंडाल की निर्माण लागत 10 लाख रुपये से अधिक आंकी जा रही है।
कोलकाता रेप केस पर झांकी: जितवारपुर पंडाल में प्रदर्शित होगी घटना
इस साल जितवारपुर के पंडाल में कोलकाता में हुए रेप केस पर विशेष झांकी बनाई गई है। यह झांकी दर्शकों को उस दर्दनाक घटना की याद दिलाएगी, जब एक ट्रेनिंग डॉक्टर के साथ दुष्कर्म हुआ था। इस झांकी के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि आज भी महिलाएं समाज में प्रताड़ित हो रही हैं, जबकि हम मां दुर्गा की पूजा कर रहे हैं। पूजा समिति के अध्यक्ष रमुचित राय ने बताया कि इस घटना को झांकी के रूप में दिखाने का निर्णय समिति ने इसलिए लिया है ताकि लोग इससे सीख लें और जागरूक रहें।
मथुरापुर में राजस्थान का कालिका मंदिर
मथुरापुर स्थित पूजा समिति ने इस बार राजस्थान के कालिका मंदिर की तर्ज पर पंडाल का निर्माण किया है। इस पंडाल को बनाने के लिए 250 मजदूर पिछले 24 अगस्त से काम कर रहे हैं। इस पंडाल की लागत भी करीब 10 लाख रुपये है। खास बात यह है कि इस पूजा पंडाल का पूरा खर्च शहर के एक कारोबारी द्वारा किया जाता है, चंदा नहीं लिया जाता।
अबू धाबी का हिंदू मंदिर: 12 पत्थर में विशेष पंडाल
12 पत्थर की पूजा समिति ने इस बार सऊदी अरब के अबू धाबी स्थित हिंदू मंदिर की थीम पर पंडाल तैयार किया है। इस पंडाल को बनाने के लिए कोलकाता से कारीगर बुलाए गए हैं, जो पिछले एक महीने से पंडाल के निर्माण में जुटे हुए हैं। पंडाल की अनुमानित लागत 15 लाख रुपये है। यह पंडाल हर साल अपनी स्वच्छता के लिए जिला प्रशासन से अवॉर्ड प्राप्त करता है। पूजा के दौरान समिति के वॉलंटियर्स सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं।
जितवारपुर में लाल किला की झलक
जितवारपुर स्थित हाउसिंग बोर्ड मैदान में इस बार पूजा समिति द्वारा लाल किला की थीम पर पंडाल बनाया जा रहा है। इस पंडाल की अनुमानित लागत भी 10 लाख रुपये है। पिछले साल इसी पूजा समिति ने चंद्रयान की झांकी बनाई थी और समस्तीपुर के वैज्ञानिक अमिताभ चंद्रयान और उनके परिवार को विशेष रूप से सम्मानित किया गया था।
इस प्रकार, इस बार समस्तीपुर में दुर्गा पूजा न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सामाजिक जागरूकता और सांस्कृतिक प्रदर्शनों का भी हिस्सा है।
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