बिहार भूमि सर्वेक्षण में कैथी लिपि बनी चुनौती, दस्तावेज़ पढ़ने में सर्वे टीम असमर्थ

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Bihar भूमि :बिहार में भूमि सर्वेक्षण के कार्य में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं क्योंकि सर्वे टीम कैथी लिपि में लिखे पुराने दस्तावेज़ों को समझ नहीं पा रही है। राज्य के 38 जिलों के 445 प्रखंडों में यह भूमि सर्वेक्षण चल रहा है, जिसमें 45,130 गांवों के अधिकारी शामिल हैं। लेकिन सर्वे में शामिल अधिकांश कर्मचारी कैथी लिपि से अनभिज्ञ हैं, जिससे रैयतों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रैयतों का कहना है कि सरकार द्वारा भूमि सर्वेक्षण के लिए नियुक्त अधिकारी और कर्मचारी कैथी लिपि के दस्तावेज़ों को पढ़ने में सक्षम नहीं हैं, और इस लिपि के जानकार भी क्षेत्र में उपलब्ध नहीं हैं।

मुख्य चुनौतियाँ और सरकारी प्रयास


भूमि से जुड़े पुराने दस्तावेजों को समझने में कैथी लिपि एक बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि, सरकार ने अब सर्वेक्षण टीम को कैथी लिपि का प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। विदित हो कि स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजों के शासनकाल में कैथी लिपि में खतियान तैयार किए गए थे, और आज उन्हीं दस्तावेजों को पढ़ने में समस्या आ रही है।

ऑनलाइन भू-लगान में समस्या


इसके साथ ही, ऑनलाइन भू-लगान रसीद काटने में भी लोगों को समस्याएं आ रही हैं। धीमी इंटरनेट सेवा के कारण वेबसाइट ठीक से काम नहीं कर रही है, जिससे भू-लगान जमा करने और रजिस्टर 2 की रिपोर्ट देखने में कठिनाइयाँ हो रही हैं। कई बार आवेदन के साथ कागजात अपलोड करने में भी अत्यधिक समय लग रहा है। इस दौरान दलाल और बिचौलिए लोगों को ठग रहे हैं, जो वंशावली बनाने के नाम पर 200 से 300 रुपये तक वसूल रहे हैं।

कैथी लिपि का प्रशिक्षण


सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए कैथी लिपि प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। बेगूसराय संग्रहालय में आयोजित कैथी लिपि प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रशिक्षकों को अब भूमि सर्वेक्षण के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का कार्य सौंपा गया है। इस कार्यक्रम के तहत पश्चिमी चंपारण, दरभंगा और समस्तीपुर जिलों में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। कैथी लिपि विशेषज्ञ, प्रीतम कुमार, जो समस्तीपुर के निवासी हैं और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से कैथी लिपि में पीएचडी कर रहे हैं, इस प्रशिक्षण का नेतृत्व कर रहे हैं।

इस तरह, बिहार में भूमि सर्वेक्षण का काम तेजी से आगे बढ़ाने और दस्तावेज़ संबंधी कठिनाइयों को हल करने के लिए प्रयास जारी हैं।

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