Smart Meter vs Prepaid Meter | कैसे काम करता है स्मार्ट और प्रीपेड मीटर?,  यहां समझे 

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Samastipur News Bihar

Smart Meter vs Prepaid Meter : आजकल शहरों से लेकर गांव तक पौराणिक समय से चलती आ रही स्मार्ट मीटर की जगह प्रीपेड मीटर इंस्टॉल की जा रही हैं। अलग-अलग बिजली प्रोवाइडर कंपनियां अपने ग्राहकों को स्मार्ट मीटर से प्रीपेड मीटर में शिफ्ट कर रही हैं। मगर कई सारे ऐसे लोग हैं, उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिरकार स्मार्ट मीटर के क्या फायदे हैं एवं स्मार्ट मीटर एवं प्रीपेड मीटर के बीच में क्या अंतर हैं , तो यहां पर आपको स्मार्ट मीटर या प्रीपेड मीटर आखिरकार किस प्रकार से काम करता हैं। दोनों के क्या-क्या फायदे हैं इस संबंध पूरी जानकारी विस्तार से बताया गया हैं।

Smart Meter vs Prepaid Meter

आजकल महानगर से लेकर शहर एवं गांव तक बिजली के उपयोग का गणना करने के लिए प्रीपेड मीटर या स्मार्ट मीटर का उपयोग किया जा रहा हैं।  पहले इसकी जगह सिर्फ स्मार्ट मीटर का इस्तेमाल किया जा रहा था। ऐसे में प्रीपेड मीटर के उपयोग करने वाले लोग अक्सर कंफ्यूज रहते हैं, कि स्मार्ट मीटर एवं प्रीपेड मीटर के बीच में क्या अंतर हैं । इससे उन्हें क्या फायदा मिलेगा एवं लोग यह भी जानना चाहते हैं, कि स्मार्ट मीटर या फिर प्रीपेड मीटर किस तरह से काम करता हैं।

स्मार्ट मीटर 

स्मार्ट मीटर एक एनालॉग एवं डिजिटल सर्किट जैसे पुरानी इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके एनर्जी उपयोग को मेजर करता है। प्रीपेड मीटर खास करके पेएजयूगो के आधार पर काम करता हैं , यानी की उपयोग करने के बाद बिल जनरेट होने के बाद यूजर्स को बिजली बिल का पेमेंट करना होता है। देश के अधिकांता भागों में अभी तक फिलहाल स्मार्ट मीटर के जरिए ही बिजली उपभोक्ता के खपत की गणना की जा रही है। 

प्रीपेड मीटर

प्रीपेड मीटर मीटर रिमोट मीटर रीडिंग यानी की रियल टाइम मॉनिटरिंग डाटा स्टोरेज एडवांस्ड कम्युनिकेशन और IOT टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बिजली खपत की गणना करता है। स्मार्ट मीटर एक्यूरेट एनर्जी मॉनिटरिंग की गणना करके इलेक्ट्रिसिटी यूजेस का डाटा इकट्ठा करता है। स्मार्ट मीटर के तहत यूजर्स को पहले रिचार्ज करवाना होता हैं , उसके बाद रिचार्ज के आधार पर बिजली का उपयोग कर पाते हैं। यह मी खास करके कंज्यूमर के साथ-साथ कंपनी को रियल टाइम डाटा उपलब्ध करवाती हैं।

स्मार्ट मीटर प्रीपेड मीटर पेमेंट का मॉडल 

स्मार्ट मीटर के तहत ग्राहकों को पोस्टपेड सिस्टम का लाभ दिया जाता हैं, जिसके अंतर्गत उपभोक्ता बिजली का उपयोग करने के बाद मंथली बेसिस पर स्मार्ट प्रीपेड सिस्टम के तहत पेमेंट कर सकते हैं। मगर वही प्रीपेड मीटर के तहत यूजर्स को बिजली इस्तेमाल करने से पहले अपने अकाउंट को रिचार्ज करवाना होता है अपने रिचार्ज के आधार पर ही यूजर्स बिजली का उपयोग कर पाते हैं। 

रियल टाइम मॉनिटरिंग 

स्मार्ट मीटर के तहत कंज्यूमर एवं यूटिलिटी कंपनी दोनों को रियल टाइम बिजली खपत का डाटा मिल जाता हैं। यूजर से सीधे तौर पर अप के माध्यम से स्मार्ट मीटर के तहत बिजली खपत को मॉनिटर कर सकते हैं। इसके अलावा प्रीपेड मीटर के तहत कंज्यूमर को रियल टाइम एनालिटिक्स एडवांस्ड रियल टाइम एनालिटिक्स सिस्टम जैसी कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जाती हैं। इन मीटर पर सीधे तौर पर कंज्यूमर के बेसिक डाटा उपयोग दिखाया जाता है। 

कहां होता है इस्तेमाल? 

स्मार्ट मीटर खासकर के एडवांस एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम के आधार पर काम करता हैं। य  खास करके बड़ा एरिया क्षेत्र में इस्तेमाल में लाया जाता हैं , वहीं अगर प्रीपेड मीटर की बात करें तो प्रीपेड मीटर आजकल कई सारे अलग-अलग बिजली प्रोवाइडर कंपनियों के द्वारा महानगरों शहर में इंस्टॉल की जा रही हैं , जिससे कि बिजली बिल जनरेट करने से छुटकारा पाया सकें।

इंस्टॉलेशन कॉस्ट 

प्रीपेड मीटर एवं स्मार्ट मीटर खास करके बिजली प्रोवाइडर कंपनी की ओर से बिल्कुल फ्री में इंस्टॉल की जाती हैं। ऐसे में अगर आप भी बिजली का कनेक्शन लेते हैं, तो आपको बिजली विभाग की ओर से स्मार्ट या फिर प्रीपेड मीटर आपके लोकेशन के आधार पर बिल्कुल फ्री में इंस्टॉल की जाएगी।

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