SANJAY SINGH ON BIHAR SIR: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि आयोग ने अपनी निष्पक्षता खो दी है और वह सत्ताधारी दल के पक्ष में काम कर रहा है। उनका दावा है कि दिल्ली से लेकर बिहार तक वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं, लेकिन शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की गई। यह विवाद अब राजनीतिक बहस का बड़ा मुद्दा बन गया है। इस पूरे विवाद को मीडिया और जनता SANJAY SINGH ON BIHAR SIR के नाम से चर्चा कर रहे हैं।
दिल्ली और बिहार की वोटर लिस्ट पर संजय सिंह के आरोप
RAJYASABHA MP SANJAY SINGH ने कहा कि दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में चुनाव आयोग ने लगभग 42,000 वोटर नाम काट दिए। उन्होंने दावा किया कि भाजपा नेताओं के घरों पर फर्जी वोट भी बनाए गए। आप पार्टी ने इन मामलों की लिखित शिकायत चुनाव आयोग को दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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संजय सिंह ने बताया कि आयोग का यह तर्क बिल्कुल गलत है कि किसी पार्टी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई। उनका कहना है कि आयोग के पास लिखित सबूत मौजूद हैं, लेकिन उसे अनदेखा किया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो लोकतंत्र में लोगों का भरोसा टूट सकता है।
SIR प्रक्रिया में अनियमितताएं और बिहार चुनाव
बिहार चुनावों से पहले SIR प्रक्रिया में वोटर लिस्ट से लाखों नाम हटाए जाने पर बवाल
आप सांसद ने बिहार में SIR IN BIHAR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि 25 जून से 25 जुलाई तक की अवधि में आयोग ने करीब 65 लाख वोटर सूची से हटा दिए, लेकिन नया नाम जोड़े ही नहीं।
चुनाव आयोग ने तर्क दिया कि इनमें से 22 लाख नाम मृत्यु के कारण हटाए गए, लेकिन शेष 43 लाख वोटर किस आधार पर हटाए गए, यह स्पष्ट नहीं किया गया। संजय सिंह का आरोप है कि भाजपा इन नागरिकों को "घुसपैठिया" बताने की साजिश कर रही है। वहीं विपक्ष का कहना है कि यह सीधा-सीधा मताधिकार से खिलवाड़ है।
दिल्ली-बिहार विवाद: वोट की गड़बड़ियों पर सवाल
संजय सिंह का कहना है कि दिल्ली और बिहार दोनों जगह VOTE IRREGULARITIES IN DELHI BIHAR देखी गई हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि कुछ बूथ-लेवल अधिकारियों ने खुद ही फॉर्म भरकर जमा किए। सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो सामने आए जिनमें फर्जी वोटर कार्ड तक जारी हुए। यहां तक कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वोटर कार्ड बिहार में बना दिखाया गया।
इसके अलावा कई जगह पशुओं के नाम पर निवास प्रमाणपत्र जारी होने के मामले भी सामने आए। सवाल यह है कि इतनी बड़ी गड़बड़ी के बावजूद आयोग खामोश क्यों है? विपक्ष इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला बता रहा है।
चुनाव आयोग और जनता का भरोसा
संजय सिंह का कहना है कि आयोग की चुप्पी उसकी BIHAR ELECTIONS SIR प्रक्रिया को संदेहास्पद बनाती है। उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया पर सवाल उठाना संविधान विरोधी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा करना है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर ने सभी नागरिकों को समान मतदान अधिकार दिया था। जब आम नागरिक और राष्ट्रपति का वोट बराबर गिना जाता है, तो किसी भी संस्थान को यह अधिकार नहीं कि वह जानबूझकर वोटर सूची से नाम काट दे।
संजय सिंह की यह चेतावनी आने वाले चुनावों पर बड़ा असर डाल सकती है। चुनाव आयोग को पारदर्शिता साबित करनी होगी, वरना लोकतांत्रिक व्यवस्था पर लगातार सवाल उठते रहेंगे।
नतीजा: लोकतंत्र में पारदर्शिता की मांग
BIHAR SIR विवाद ने भारतीय चुनाव व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा किया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आयोग पारदर्शिता के लिए कौन-से कदम उठाता है। जनता का भरोसा तभी लौटेगा जब हर वोट सुरक्षित होगा और हर नागरिक का मताधिकार सम्मानित होगा।
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