समस्तीपुर: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी अक्सर नियमित अध्ययन, अनुशासन और ईमानदार प्रयासों की मांग करती है। लेकिन कुछ लोग जैसे शिवनाथ प्रसाद इस मिथक को तोड़कर सफलता की नई कहानी लिखते हैं। शिक्षक शिवनाथ की यात्रा में पंचायत शिक्षामित्र के रूप में करियर की शुरुआत करने वाले शिवनाथ ने BPSC हेड टीचर परीक्षा में सफलता पाई और शिवनाथ BPSC हेड टीचर बन गए।
BPSC हेड टीचर परीक्षा में सफलता का सफर
शिवनाथ ने 2005 में पंचायत शिक्षामित्र के रूप में करियर की शुरुआत की और 2006 में बिहार सरकार से नियोजित शिक्षक का दर्जा प्राप्त किया। लंबे समय तक शिक्षक बने रहने के बावजूद, यह सफर उनके लिए आसान नहीं था। ‘नियोजित शिक्षक’ के लेबल के चलते उनकी योग्यता को अक्सर कमतर समझा गया। लेकिन उन्होंने BPSC हेड टीचर पद की ओर बढ़ते हुए अपनी मेहनत से यह साबित किया कि वह समस्तीपुर के शिक्षक हैं जिन्होंने BPSC हेड टीचर परीक्षा को सफलतापूर्वक पास किया।
परीक्षा पाठ्यक्रम और तैयारी
शिवनाथ ने बिना किसी विशेष तैयारी के BPSC हेड टीचर परीक्षा को पास किया। यह उनके ज्ञान और प्रतिभा को दर्शाता है कि कठिनाइयों को पार करना संभव है। उनका पढ़ाने का अनोखा तरीका और छात्रों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ही उनकी सफलता का आधार बनी। परीक्षा पाठ्यक्रम के प्रति उनकी समझ ने उन्हें इस परीक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद की।
शिक्षा के प्रति समर्पण
शिवनाथ का यह सफर इस बात का प्रमाण है कि मेहनत और प्रतिबद्धता से कोई भी व्यक्ति अपनी मंजिल प्राप्त कर सकता है। उनका अनुभव हमें सिखाता है कि प्रतिभा के बल पर किसी भी परीक्षा को पार किया जा सकता है। आज, शिवनाथ ने ‘नियोजित शिक्षक’ का टैग हटाकर BPSC हेड टीचर का टैग हासिल किया है, जो उनकी मेहनत और शिक्षा के प्रति उनके समर्पण का प्रमाण है।
BPSC शिक्षक बनने की यात्रा
राजकीय उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय, शाहपुर उनडी के शिक्षक शिवनाथ प्रसाद ने लोकल 18 से बातचीत में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि वह एक किसान परिवार से हैं और 2005 में पंचायत शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। 2006 में उन्हें नियोजित शिक्षक का दर्जा दिया गया।
शिक्षा में गुणवत्ता का महत्व
शिवनाथ ने कहा कि वह हमेशा बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देने के लिए समर्पित रहे हैं। उन्होंने किसी भी परिस्थिति में पढ़ाई में कोई समझौता नहीं किया। उनका मानना है कि इसी प्रतिबद्धता के चलते उन्होंने बिना किसी अतिरिक्त कोर्स या विशेष तैयारी के BPSC हेड टीचर परीक्षा में सफलता हासिल की।
सफलता की कहानी
शिवनाथ ने बताया कि परीक्षा में पूछे गए सवाल उसी विषय से संबंधित थे, जिसे उन्होंने अपने छात्रों को पढ़ाया था। यह दर्शाता है कि शिक्षण का एक अच्छा अनुभव और प्रश्नों की समझ के साथ किसी भी प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा, “मैं शाहपुर रंडी का रहने वाला हूं और गणित मेरी रुचि का विषय है।” शिवनाथ की कहानी यह दिखाती है कि अगर मेहनत और ज्ञान में गहराई हो, तो कोई भी चुनौती पार की जा सकती है।
यह प्रेरक कहानी अन्य शिक्षकों और छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है कि वे अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहें। समस्तीपुर के शिक्षक शिवनाथ ने BPSC हेड टीचर बनने का जो सफर तय किया है, वह सभी के लिए एक मिसाल है।
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