टेक्नोलॉजी

iPhone 17 Pro और iPhone 17 Pro Max भारत में लॉन्च: जानें कीमत, फीचर्स और लेटेस्ट अपडेट

ज्योतिष

Aaj Ka Rashifal 10 September 2025: जानिए कैसा रहेगा आपका दिन सभी 12 राशियों के लिए

टेक्नोलॉजी

iPhone 17 Launch Event Live: iPhone 17 सीरीज़ और नई Apple Watch का हुआ धमाकेदार लॉन्च

ऑटोमोबाइल

Tata Harrier EV 2025: इलेक्ट्रिक SUV में दमदार परफॉर्मेंस और एक छोटी खामी

टेक्नोलॉजी

Realme Narzo 80 Lite: दमदार फीचर्स और किफायती कीमत के साथ

बिहार न्यूज़

धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के लिए उठी नई लौ Gau Matdata Sankalp Yatra

ऑटोमोबाइल

Maruti Suzuki Victoris 2025: नई मिड-साइज SUV लॉन्च, एडवांस फीचर्स और सेफ्टी के साथ

ऑटोमोबाइल

TVS Raider Super Squad Edition 2025: डेडपूल और वूल्वरिन एडिशन, कीमत ₹99,465, दमदार फीचर्स

समस्‍तीपुर न्यूज़ / Samastipur Agriculture University News: धान की फसल खतरे में, किसानों को मिला ये नया विकल्प!

Samastipur Agriculture University News: धान की फसल खतरे में, किसानों को मिला ये नया विकल्प!

Reported by: Ground Repoter | Written by: Saurabh Thakur | Agency: SN Media Network
Last Updated:

Samastipur Agriculture University News: आपको बताते चले की 12 जुलाई 2025 को समस्तीपुर से आई एक बड़ी खबर ने इलाके के किसानों की चिंता बढ़ा दी है। लगातार कमजोर मानसून के कारण Samastipur Agriculture university एक बार फिर चर्चा में है। इस साल धान की खेती पर मौसम की मार साफ दिख रही है।

मानसून की बेरुखी से सूखे की स्थिति

समस्तीपुर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के अनुसार जून में औसतन 69% कम और जुलाई में अब तक 82% कम बारिश दर्ज की गई है। इससे किसानों के खेतों में लगाए गए धान के बिचड़े मुरझा गए हैं। कई किसानों ने डीजल से पटवन कर धान की रोपाई शुरू की थी, लेकिन अब पानी की कमी से वे भी परेशान हैं।

इसे भी पढ़े

संबंधित आर्टिकल्स

Samastipur में आधी रात हमला: घर में घुसे बदमाश, पति-पत्नी पर कहर, एक की जान गई

Rahul Gandhi की ‘वोट अधिकार यात्रा’ 17 अगस्त से बिहार में शुरू, 23 जिलों से होकर गुज़रेगी

दिल्ली-NCR की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने पर बहस तेज

SIR विवाद में गरमाी: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान, तेजस्वी के आरोपों से बिहार चुनाव में बढ़ी सियासी गर्मी

Samastipur School Bus Accident: समस्तीपुर में स्कूल बस और टेंपो की टक्कर 6 लोग घायल

Samastipur Mahila Constable Died: समस्तीपुर सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान महिला कांस्टेबल की मौत

किसानों की बढ़ती मुश्किलें

समस्तीपुर के किसान इस समय गहरी चिंता में हैं। महंगा डीजल, घटती वर्षा और मिट्टी में नमी की कमी ने खेती घाटे का सौदा बना दी है। किसानों का कहना है कि बिना पर्याप्त बारिश के धान की कदवा यानी खेतों में पानी भरना संभव नहीं है, जिससे रोपाई रुकी हुई है।

Samastipur Agriculture University कृषि वैज्ञानिकों की सलाह

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि ऊंची जमीन में फिलहाल धान न लगाएं। यदि निचली जमीन में सिंचाई की व्यवस्था है तो वहीं मध्यम अवधि वाले धान की किस्में जैसे राजेन्द्र सुवासिनी, सप्तगंगा आदि लगाएं।

मिट्टी परीक्षण न होने की स्थिति में उर्वरकों की ये मात्रा अपनाएं:

  • 30 किलोग्राम नाइट्रोजन
  • 60 किलोग्राम फॉस्फोरस
  • 30 किलोग्राम जिंक सल्फेट (या 15 किलोग्राम चिलेटेड जिंक प्रति हेक्टेयर)
इसे भी पढ़े

वैकल्पिक खरीफ फसलों की ओर बढ़ें किसान

कमजोर मानसून को देखते हुए वैज्ञानिकों ने alternate kharif crops अपनाने की सलाह दी है। ऊंची जमीन में मक्का, तिल, सूर्यमुखी और अरहर जैसे फसल अधिक उपयुक्त हो सकते हैं।

मक्का की लोकप्रिय किस्में जैसे शक्तिमान-1, राजेन्द्र संकर मक्का-3, और मंगा-11 की बुआई तुरंत करें। इसके लिए 20 किलो बीज प्रति हेक्टेयर लें और बीज को थीरम दवा से उपचारित करें।

अरहर की बुआई के लिए दिशा-निर्देश

अरहर की किस्में जैसे पूसा-9, नरेंद्र अरहर-1, और मालवीय-13 को ऊंची जमीन पर लगाया जा सकता है। उर्वरक की मात्रा:

  • 20 किलो नाइट्रोजन
  • 45 किलो फॉस्फोरस
  • 20 किलो पोटाश
  • 20 किलो सल्फर प्रति हेक्टेयर

बोआई से पहले बीज को थीरम और राईजोबियम कल्चर से उपचारित करना आवश्यक है।

इसे भी पढ़े

Q1. समस्तीपुर में धान की खेती क्यों प्रभावित हो रही है?
कम बारिश और महंगे सिंचाई साधनों के कारण किसानों को परेशानी हो रही है।

Q2. समस्तीपुर कृषि विश्वविद्यालय ने क्या सलाह दी है?
वैज्ञानिकों ने ऊंची जमीन में धान न लगाने और वैकल्पिक खरीफ फसलें अपनाने की सलाह दी है।

Q3. क्या मक्का की खेती बेहतर विकल्प है?
जी हां, शक्तिमान, मंगा जैसी किस्मों को अपनाना फायदेमंद हो सकता है।

Q4. धान के लिए कौन-सी उर्वरक मात्रा उपयुक्त है?
30 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फॉस्फोरस और 30 किलोग्राम जिंक सल्फेट।

Q5. धान की जगह कौन-सी फसलें बेहतर रहेंगी?
सूर्यमुखी, अरहर, तिल, मक्का आदि फसलें बेहतर विकल्प हैं।

धन्यवाद मैं सौरभ ठाकुर samastipurnews.in से और आपको ऐसे ही लेटेस्ट न्यूज़ के लिए हमारे वेबसाइट को फॉलो करें और हमारे आदर्श सोशल मीडिया पर जाकर हमें फॉलो कर सकते हैं धन्यवाद।

यह भी पढ़ें:-


ABOUT THE AUTHOR

Saurabh Thakur
Saurabh Thakur

Saurabh Thakur is the Founder and CEO of SamastipurNews.in, a prominent news website known for delivering reliable and comprehensive coverage of Samastipur and regional news. With over a decade of experience in the media industry, Saurabh has established himself as a seasoned journalist and dedicated news editor. ...और पढ़ें


Samastipur News को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।


Tags :

First Published : July 12, 2025, 07:42 PM IST

समस्‍तीपुर न्यूज़ / Samastipur Agriculture University News: धान की फसल खतरे में, किसानों को मिला ये नया विकल्प!