रोहतास: जिले के प्रसिद्ध सोने नदी के तट पर स्थित शिवगंज छठ घाट, जो अपनी पवित्रता और प्राचीनता के लिए जाना जाता है, आज प्रशासनिक लापरवाही की वजह से संकट में है। इस छठ पर्व के मौके पर, जहां घाट की साफ-सफाई और पवित्रता बनाए रखने की जिम्मेदारी नगर निकाय की है, वहीं इस घाट पर लगातार बहते नाले के गंदे पानी ने भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचाई है।
छठ घाट की समस्या से जूझ रहे स्थानीय लोग
छठ घाट के आसपास की स्थिति को लेकर स्थानीय निवासियों में आक्रोश है। घाट पर बहने वाला नाले का पानी न केवल पर्व की पवित्रता को दूषित करता है, बल्कि घाट पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी असुविधा का कारण बनता है। स्थानीय निवासी मंजीत कुमार ने बताया कि नाले का गंदा पानी नदी में लगातार बहता रहता है, जिससे घाट का वातावरण अशुद्ध हो रहा है।
मंजीत कुमार ने बताया कि यह समस्या नई नहीं है, बल्कि हर साल छठ के समय इस समस्या का सामना करना पड़ता है। नगर निकाय में कई बार इस विषय पर शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाया है। मंजीत ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे छठ पर्व के महत्व को न समझते हुए इस गंभीर समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं।
स्थायी समाधान की मांग
छठ पर्व पर सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है, लेकिन इस गंदे पानी की वजह से छठ व्रतियों को स्नान और पूजा करने में कठिनाई होती है। शिवगंज घाट पर मौजूद एक बुजुर्ग श्रद्धालु बिहारी चौधरी का कहना है कि छठ पर्व के लिए स्वच्छता बेहद महत्वपूर्ण है। उनका मानना है कि प्रशासन को इस समस्या के समाधान के लिए स्थायी उपाय करने चाहिए ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।
बिहारी चौधरी ने सुझाव दिया कि अगर प्रशासन घाट के पास कुछ गड्ढे खुदवा दे तो नाले का पानी घाट की ओर जाने से बच सकता है। इससे नाले का गंदा पानी कहीं और बह जाएगा और घाट की पवित्रता बनी रहेगी।
पर्व के दौरान अस्थायी समाधान, लेकिन स्थायी लापरवाही
मंजीत कुमार ने आगे बताया कि स्थानीय लोग खुद ही छठ पर्व के दौरान दो दिनों के लिए अस्थायी उपाय करके नाले के गंदे पानी को दूसरी दिशा में मोड़ने की कोशिश करते हैं, ताकि श्रद्धालु पर्व बिना किसी रुकावट के मना सकें। हालांकि, पर्व समाप्त होते ही नाले का पानी फिर से उसी रास्ते पर लौट आता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के अस्थायी समाधान हर साल किए जाते हैं, लेकिन इससे स्थायी रूप से समस्या का समाधान नहीं होता।
श्रद्धालुओं की परेशानी और आस्था को ठेस
छठ पर्व बिहार के लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है और इस पर्व के दौरान घाट की स्वच्छता का विशेष महत्व होता है। छठ व्रत करने वाले श्रद्धालु सूरज भगवान की पूजा करते हैं और गंदे पानी की मौजूदगी उन्हें इस धार्मिक अनुष्ठान को सही ढंग से संपन्न करने में बाधा उत्पन्न करती है। इस वजह से श्रद्धालुओं में प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है।
प्रशासन से ठोस कदम की उम्मीद
स्थानीय निवासियों की ओर से प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद इस समस्या पर कोई स्थायी कदम नहीं उठाया गया है। प्रशासन की ओर से इस मुद्दे पर उदासीनता ने लोगों में रोष और निराशा पैदा कर दी है। भक्तों का मानना है कि इस साल प्रशासन को इस समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए आगे आना चाहिए ताकि आने वाले वर्षों में उन्हें इस असुविधा का सामना न करना पड़े।
वैकल्पिक उपायों पर विचार की आवश्यकता
कुछ स्थानीय निवासियों का सुझाव है कि यदि प्रशासन नाले के पानी को किसी अन्य मार्ग में मोड़ने के उपाय करे या घाट के पास पानी के निवारण के लिए पक्की नालियों का निर्माण करे तो इस समस्या से निपटा जा सकता है।
श्रद्धालुओं की आस्था बनाए रखने की अपील
शिवगंज छठ घाट पर हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु छठ पूजा के लिए आते हैं और घाट की पवित्रता का सम्मान करते हैं। ऐसे में प्रशासन से उनकी अपील है कि उनकी आस्था को बनाए रखने और घाट की पवित्रता को संरक्षित करने के लिए स्थायी उपाय किए जाएं।
छठ पर्व के महत्व को समझते हुए समस्या का हल जरूरी
छठ पर्व बिहार का एक प्रमुख त्योहार है और इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार और समाज के साथ मिलकर घाटों पर पूजा-अर्चना करते हैं। श्रद्धालुओं की भावना और आस्था को समझते हुए, प्रशासन को इस समस्या का समाधान करना चाहिए ताकि भक्तों को स्वच्छ और पवित्र वातावरण में पूजा का अवसर मिल सके।
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