Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने किया हड़ताल का ऐलान, गाजियाबाद में वकीलों पर लाठीचार्ज का विरोध

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Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने गाजियाबाद के न्यायालय में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में चार नवंबर को हड़ताल का ऐलान किया है। यह फैसला एसोसिएशन की आपात बैठक में लिया गया, जहां वकीलों पर हुए अत्याचार की निंदा की गई और न्याय की मांग की गई। एसोसिएशन ने गाजियाबाद के जिला न्यायाधीश और संबंधित पुलिस अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने और घायल वकीलों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।

घटना का पूरा मामला

Allahabad High Court: 29 अक्टूबर को गाजियाबाद के एक अदालत परिसर में कुछ विवादित स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिसके बाद पुलिस द्वारा वकीलों पर लाठीचार्ज किया गया। इस घटना में कई वकील घायल हो गए, जिससे वकील समुदाय में रोष फैल गया है। वकीलों का कहना है कि उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन को ताकत के बल पर दबाने का प्रयास किया गया, जिससे उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।

एसोसिएशन की मांगें

रविवार शाम को आयोजित आपात बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी की अध्यक्षता में निर्णय लिया गया कि इस घटना के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। एसोसिएशन ने मांग की है कि गाजियाबाद के जिला न्यायाधीश और इस मामले में लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए। इसके साथ ही, घटना में घायल हुए वकीलों को उचित मुआवजा भी दिया जाए ताकि उन्हें न्याय मिल सके और उनकी आर्थिक मदद हो सके।

अवमानना याचिका दायर करने की योजना

बार एसोसिएशन ने यह भी तय किया है कि गाजियाबाद के जिला न्यायाधीश के खिलाफ एक आपराधिक अवमानना याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर की जाएगी। एसोसिएशन का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं न्यायिक प्रणाली में वकीलों की सुरक्षा और सम्मान के लिए खतरा हैं और न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं। एसोसिएशन की मांग है कि उच्च न्यायालय इस मामले में सख्त कदम उठाए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन

एसोसिएशन का समर्थन करते हुए प्रदेश के अधिवक्ताओं के शीर्ष निकाय, राज्य विधिज्ञ परिषद (बार काउंसिल) ने भी इस हड़ताल में शामिल होने का अनुरोध किया है। बार काउंसिल ने प्रदेश के सभी वकीलों से चार नवंबर को न्यायालय में उपस्थिति न दर्ज कराने की अपील की है। काउंसिल का मानना है कि प्रदेश के वकीलों का एकजुट होकर विरोध करना जरूरी है ताकि पुलिस और प्रशासन को स्पष्ट संदेश जाए कि वकील समुदाय अपनी सुरक्षा और सम्मान को लेकर सजग है।

अधिवक्ताओं के अधिकारों की रक्षा की मांग

वकीलों का मानना है कि यह घटना उनके संवैधानिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है और न्यायिक परिसर में उनकी सुरक्षा पर सवाल उठाती है। इस तरह की घटनाओं से वकील समुदाय में असुरक्षा की भावना उत्पन्न होती है। एसोसिएशन का कहना है कि उच्च न्यायालय को इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए।

सभी न्यायालयों में हड़ताल की तैयारी

इस हड़ताल के तहत, सभी वकील अपनी-अपनी अदालतों में उपस्थित नहीं होंगे। इस विरोध का उद्देश्य केवल गाजियाबाद की घटना का विरोध करना ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में न्यायपालिका की गरिमा और वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है। इस हड़ताल में पूरे प्रदेश के वकील शामिल होंगे, ताकि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे को हल्के में न ले और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

वकीलों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम की जरूरत

वकीलों का मानना है कि बार काउंसिल और उच्च न्यायालय को मिलकर एक ऐसा तंत्र बनाना चाहिए, जो अदालत परिसर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ अधिवक्ताओं की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करे। प्रदेश के वकील इस हड़ताल को एकजुट होकर अंजाम देंगे ताकि भविष्य में वकीलों पर इस प्रकार के अत्याचार को रोका जा सके।

प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद

एसोसिएशन का कहना है कि इस हड़ताल का उद्देश्य प्रशासन और पुलिस को यह याद दिलाना है कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। इस घटना के बाद वकीलों का भरोसा न्यायिक व्यवस्था में कम हुआ है, जिसे दोबारा मजबूत बनाने की जरूरत है। इसके लिए एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय से यह अपील की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और वकीलों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

निष्कर्ष:

इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा गाजियाबाद की घटना पर विरोध प्रदर्शन से प्रदेश में एक स्पष्ट संदेश जा रहा है कि वकील समुदाय अपनी सुरक्षा और गरिमा के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। वकीलों का यह हड़ताल उनकी एकजुटता और न्यायिक सम्मान की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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Sonu Kumar

Sonu Kumar is an experienced news editor with over a decade in journalism, currently leading editorial efforts at SamastipurNews.in. Renowned for her commitment to journalistic integrity and precision, Sonu Kumar has developed a reputation for curating insightful, unbiased news content that resonates with readers. She holds a Master’s degree in Journalism and Mass Communication, equipping her with deep expertise in media ethics and storytelling.

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