मुजफ्फरपुर में इस बार छठ पूजा के दौरान प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। किसी भी तरह के हादसे को टालने के लिए प्रशासन ने घाटों पर बैरिकेडिंग करवाई है और 400 से अधिक आपदा मित्रों को विशेष प्रशिक्षण देकर तैनात किया है। इन आपदा मित्रों का मुख्य काम छठ घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करना और किसी भी दुर्घटना की स्थिति में त्वरित मदद देना होगा। इसके अलावा, प्रशासन ने लोगों को जागरूक करने के लिए माइकिंग का भी व्यवस्था की है ताकि लोग पानी में न उतरें और किसी प्रकार का हादसा ना हो।
घाटों पर तैनात किए गए 200 से अधिक गोताखोर और एसडीआरएफ की टीम
आपदा मित्रों के साथ-साथ घाटों पर 200 से अधिक प्रशिक्षित गोताखोर भी तैनात किए गए हैं। यह गोताखोर किसी भी प्रकार के जल दुर्घटना में लोगों की मदद करेंगे। इसके साथ ही, एसडीआरएफ की टीम भी मुस्तैद रहेगी, जो हर समय घाटों पर निगरानी रखेगी और जरूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई करेगी।
मोटर बोट से लगातार पेट्रोलिंग की जाएगी
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मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए मोटर बोट से पेट्रोलिंग की व्यवस्था भी की है। ये बोट लगातार घाटों के आस-पास तैरती रहेंगी ताकि कोई भी दुर्घटना होने पर तुरंत सहायता मिल सके। इस पेट्रोलिंग का उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित बनाए रखा जाए और घाटों पर किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।
मुख्य घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था
मुजफ्फरपुर शहर में प्रमुख छठ घाटों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। इन घाटों में सीढ़ी घाट, अखाड़ा घाट, आश्रम घाट, चंदवारा घाट और लकड़ी ढाई घाट शामिल हैं। इन घाटों पर आपदा मित्रों, गोताखोरों और एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया जाएगा। इसके अलावा, अन्य घाटों पर भी इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था की गई है ताकि हर जगह श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान की जा सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी तैनात होंगे आपदा मित्र और गोताखोर
शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के प्रमुख घाटों पर भी सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा। यहां के घाटों पर भी आपदा मित्र और गोताखोर तैनात होंगे। इन घाटों पर माइकिंग करके लोगों को जागरूक किया जाएगा ताकि वे छठ पूजा के दौरान पानी में न उतरें और किसी प्रकार की दुर्घटना से बचें। विशेष बैनर के साथ नावें भी चलेंगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक जानकारी पहुंचाई जा सके।
जागरूकता अभियान से मिलेगा सुरक्षा का विश्वास
जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों का उद्देश्य है कि लोग सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छठ पूजा करें और किसी प्रकार का हादसा ना हो। इस अभियान के तहत माइकिंग के जरिए लोगों को पानी में जाने से मना किया जाएगा और घाटों पर सुरक्षा उपायों के बारे में बताया जाएगा। साथ ही, यदि कोई व्यक्ति सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करता है तो उसे मौके पर ही रोकने की व्यवस्था की जाएगी।
आधिकारिक बयान
जिला प्रशासन का कहना है कि इस बार की छठ पूजा के दौरान हर प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था पहले से ज्यादा सख्त और प्रभावी होगी। प्रशासन का मुख्य लक्ष्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा और राहत है। हर घाट पर प्रशासन की टीम मुस्तैद रहेगी और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित मदद पहुंचाने के लिए तैयार रहेगी।
सुरक्षित छठ पूजा के लिए किए गए व्यापक उपाय
मुजफ्फरपुर में छठ पूजा को लेकर प्रशासन की ओर से उठाए गए ये कदम श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी श्रद्धालु असुरक्षित महसूस न करे और पूजा के दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न घटे। प्रशासन की तत्परता और सुरक्षा के लिए की गई तैयारियों को लेकर लोग भी संतुष्ट नजर आ रहे हैं।
मुजफ्फरपुर में छठ पूजा को लेकर जिला प्रशासन की तैयारियां सुरक्षा के मामलों में एक मॉडल साबित हो सकती हैं। प्रशासन का यह अभियान न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि पूरे बिहार में छठ पूजा के दौरान सुरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन भी प्रेरित करेगा।
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