Bihar Education News: बिहार के सरकारी स्कूलों में बच्चों की हाजिरी को लेकर शिक्षा विभाग अब सख्त कदम उठा रहा है। जानकारी के अनुसार, हेडमास्टर्स स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होने के बावजूद इसे बढ़ाकर दिखाते हैं और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हैं। इस अनियमितता को रोकने के लिए शिक्षा विभाग अब डिजिटल हाजिरी की व्यवस्था लागू करने जा रहा है, जिससे कक्षा में बच्चों की वास्तविक उपस्थिति दर्ज हो सकेगी।
मध्याह्न भोजन योजना में अनियमितता की आशंका
हाल ही में शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि चंपारण के एक स्कूल में 523 बच्चों की उपस्थिति दिखाने के बावजूद, केवल 116 बच्चे ही उपस्थित थे। इस तरह की अनियमितताएं मिडडे मील योजना में खाद्यान्न और राशि के दुरुपयोग का कारण बन सकती हैं। इसके मद्देनजर, शिक्षा विभाग ने इस प्रकार की अनियमितताओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
डिजिटल हाजिरी सिस्टम
शिक्षा विभाग ने स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति की निगरानी के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से, अगर कक्षा में कम बच्चे उपस्थित होते हैं और हाजिरी अधिक बनाई जाती है, तो सिस्टम इसे पकड़ लेगा। इसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों में बच्चों की वास्तविक उपस्थिति को दर्ज करना और हाजिरी में कोई हेरफेर करने की कोशिश को नाकाम करना है।
मार्च 2025 से लागू होने की संभावना
सॉफ्टवेयर और डिजिटल हाजिरी के लिए टैबलेट भी शिक्षकों को दिए जाएंगे। इन टैबलेट्स पर शिक्षक बच्चों की उपस्थिति दर्ज करेंगे और कक्षा में उपस्थित बच्चों की तस्वीर भी अपलोड करनी होगी। सॉफ्टवेयर बच्चों के चेहरे और उपस्थिति मार्किंग का मिलान करेगा और किसी भी तरह की अनियमितता को तुरंत पहचान सकेगा। विभाग ने जनवरी 2025 से शिक्षकों को इस प्रणाली से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है, और मार्च 2025 तक यह व्यवस्था पूरे राज्य में लागू होने की संभावना है।
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