बिहार में जमीन सर्वे के नियम बदलें: अब खतियान की जरूरत नहीं!

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Samastipur News Bihar

पटना: बिहार सरकार ने जमीन सर्वे से जुड़ी प्रक्रिया को और सरल बना दिया है। अब जमीन का सर्वे कराने के लिए खतियान (पुराने दस्तावेज) की जरूरत नहीं पड़ेगी। सिर्फ खाता नंबर और प्लॉट नंबर देकर आप सर्वे के लिए आवेदन कर सकते हैं।

यह बदलाव उन लोगों के लिए बड़ी राहत है जो पुराने कागजात खोजने में परेशान हो रहे थे। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां दस्तावेज या तो फट चुके हैं या उपलब्ध नहीं हैं।

अब सर्वे करना हुआ आसान

जमीन सर्वे शुरू होने के बाद से कई लोग सरकारी दफ्तरों में दस्तावेजों के लिए चक्कर लगा रहे थे। कई मामलों में पुराने दस्तावेज न मिल पाने के कारण सर्वे का काम रुक गया था।

सरकार की नई सुविधा

  • खतियान की जरूरत खत्म: अब सिर्फ खाता नंबर और प्लॉट नंबर से आवेदन किया जा सकेगा।
  • डिजिटल रिकॉर्ड: 1995 से अब तक 2.34 करोड़ दस्तावेजों को डिजिटल फॉर्मेट में बदला गया है।
  • अधूरी प्रक्रिया: 1796 से 1995 तक के दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन अभी जारी है।

क्या बदल गया है?

  • पहले खतियान जरूरी था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
  • इससे सर्वे प्रक्रिया तेज और सरल हो जाएगी।
  • जो आवेदन पहले दस्तावेजों के अभाव में रद्द हो रहे थे, वे अब आसानी से स्वीकार किए जा सकेंगे।

सरकारी जमीनों का सर्वे: क्या होगा कब्जाधारियों का?

बिहार के कई इलाकों में गैर मजरुआ और सरकारी जमीनों पर लोग वर्षों से कब्जा जमाए हुए हैं। अब इन जमीनों का सर्वे बिहार सरकार के नाम पर होगा।

कब्जा हटाया नहीं जाएगा

  • सर्वे के दौरान जमीन का नक्शा और दस्तावेज तैयार करना प्राथमिकता होगी।
  • जिनके पास जमीन का कोई साक्ष्य है, उन्हें इसे दिखाना होगा।
  • किसी को तत्काल जमीन से हटाने का आदेश नहीं दिया गया है।

शामिल जमीनें

  • गैर मजरुआ आम और मालिक भूमि
  • वक्फ बोर्ड और धार्मिक न्यास की संपत्तियां
  • भूदान और भू-हदबंदी की जमीनें
  • बासगीत पर्चा और बंदोबस्ती पर्चा की भूमि

लोगों को क्या फायदा होगा?

सरकार के इस फैसले से जमीन मालिकों और रैयतों को काफी राहत मिली है। खतियान न होने के कारण कई लोगों के आवेदन पहले खारिज हो रहे थे।

मुख्य फायदे

  1. प्रक्रिया होगी आसान: अब आवेदन के लिए केवल खाता और प्लॉट नंबर चाहिए।
  2. कम परेशानी: पुराने दस्तावेजों को खोजने की चिंता खत्म।
  3. समय की बचत: सर्वे प्रक्रिया अब तेजी से होगी।
  4. डिजिटल पारदर्शिता: डिजिटल रिकॉर्ड के जरिए प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया गया है।

निष्कर्ष

बिहार सरकार का यह फैसला रैयतों और जमीन मालिकों के लिए राहत लेकर आया है। पुराने दस्तावेजों की जरूरत खत्म होने से जमीन सर्वे में तेजी आएगी। सरकारी जमीनों का सर्वे भी अब पारदर्शिता के साथ होगा।

अगर आप भी अपनी जमीन का सर्वे कराना चाहते हैं, तो तुरंत खाता नंबर और प्लॉट नंबर के साथ आवेदन करें।

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