दुर्गापूजा के दौरान वायरल वीडियो पर 150 लोगों के खिलाफ केस: कैमूर जिले में दुर्गापूजा के दौरान एक फर्जी वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने 24 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह वीडियो दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान कथित आपत्तिजनक नारेबाजी का था, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया। वीडियो के आधार पर कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों ने इसका विरोध जताया है और इसे फर्जी बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
वायरल वीडियो और पुलिस की कार्रवाई
कुदरा शहर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान निकाले गए जुलूस के अगले दिन एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें आरोप लगाया गया कि जुलूस में विशेष धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए गए थे। वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 24 लोगों को नामजद किया और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। साथ ही, विसर्जन जुलूस में शामिल डीजे को भी पुलिस ने अपने कब्जे मे कर लिया ।
स्थानीय लोगों का विरोध
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केस दर्ज होने के बाद शहरवासियों ने आरोप लगाया कि वीडियो को एडिट कर उन्हें फंसाने की साजिश रची गई है। उनका कहना है कि जो लोग उस दिन जुलूस में शामिल नहीं थे, उनके खिलाफ भी झूठे आरोप लगाए गए हैं। स्थानीय निवासी प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि 13 अक्टूबर को विसर्जन के समय प्रशासन और पुलिस की भारी मौजूदगी थी, और जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। अगर आपत्तिजनक नारेबाजी होती, तो प्रशासन उसी समय कार्रवाई करता, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
निष्पक्ष जांच की मांग
पूजा समिति के पूर्व सदस्य संजय कुमार पांडे, जिनका नाम भी इस मामले में शामिल किया गया है, ने बताया कि घटना के दिन वह वाराणसी में थे और वहां का सीसीटीवी फुटेज इस बात का प्रमाण है। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा है कि उन्हें झूठे केस में फंसाया जा रहा है।
शहरवासियों ने इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की अपील की है और कहा है कि प्रशासन द्वारा जल्दबाजी में की गई कार्रवाई गलत है। मामले की गहन जांच कर ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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