Shree Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi: भक्तों के लिए मंगलवार और शनिवार के दिन विशेष माने जाते हैं। इन दिनों श्री हनुमान जी की पूजा-अर्चना और चालीसा का पाठ करना शुभ होता है। कहा जाता है कि Shree Hanuman Chalisa का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन से भय, रोग और संकट दूर हो जाते हैं और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।
हनुमान चालीसा का महत्व
श्री तुलसीदास जी ने हनुमान जी की महिमा का वर्णन करने के लिए हनुमान चालीसा की रचना की थी। यह सिर्फ भक्ति का प्रतीक ही नहीं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति का अद्भुत साधन है। भक्तजन मानते हैं कि सुबह-शाम "श्रीगुरु चरन सरोज रज" और "निज मनु मुकुरु सुधारि" जैसे आरंभिक दोहे का पाठ जीवन को पवित्र और शुभ बना देता है। आज भी Shri Hanuman Chalisa पढ़कर लाखों लोग आत्मिक शांति और साहस प्राप्त करते हैं।
हनुमान चालीसा पाठ से लाभ (Benefits of Hanuman Chalisa Path)

- संकट और भय से मुक्ति मिलती है।
- रोग और पीड़ा का निवारण होता है।
- जीवन में साहस, बल और विद्या की वृद्धि होती है।
- परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
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हनुमान जयंती पर मंदिरों में विशेष रूप से इसका सामूहिक पाठ किया जाता है। भक्त अक्सर hanuman ji ki aarti और चालीसा का संयुक्त पाठ करते हैं। यही कारण है कि हनुमान महिमा आज भी युगों-युगों से अमर है।
श्री हनुमान चालीसा का संपूर्ण पाठ (Shri Hanuman Chalisa Full Lyrics in Hindi)
॥दोहा॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
॥चौपाई॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
राम दूत अतुलित बल धामा।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुण्डल कुँचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे।
कांधे मूंज जनेऊ साजे।।
शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग वंदन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचन्द्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाए।
श्री रघुबीर हरषि उर लाए।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कवि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना।
लंकेश्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकन्दन राम दुलारे।।
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन्ह जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै।।
अंतकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।
॥दोहा॥
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
हनुमान चालीसा पाठ के गुप्त नियम – वीडियो देखकर दंग रह जाएंगे!
आधुनिक जीवन में हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa in Modern Life)
आधुनिक भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव और चिंता आम समस्या है। ऐसे में भक्ति मार्ग अपनाना बहुत जरूरी हो जाता है।
युवा पीढ़ी आज Shri Hanuman Chalisa Lyrics और hanuman chalisa hindi को ऑनलाइन पढ़कर जुड़ रही है। यही कारण है कि YouTube, सोशल मीडिया और मोबाइल ऐप्स पर इसका पाठ सबसे अधिक सुना और पढ़ा जाता है।
श्री हनुमान चालीसा न केवल एक धार्मिक स्तुति है बल्कि जीवन में बल, विश्वास और भक्ति का आधार भी है। इसका पाठ करने से भक्त हर संकट से उबरते हैं और उनके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
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