NDA Sammelan बिहार में महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा के बीच सत्तारूढ़ एनडीए ने भी अपनी चुनावी रणनीति को नए सिरे से तेज कर दिया है। एनडीए ने ऐलान किया है कि उसका बड़ा एनडीए सम्मेलन 23 अगस्त से शुरू होगा, जिसमें हर दिन 14 विधानसभाओं में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित होंगे। यह कार्यक्रम 24 सितंबर तक चलेगा और कुल 243 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगा। इस अभियान को सात चरणों में पूरा करने की योजना है।
एनडीए सम्मेलन की रणनीति और कार्यक्रम
एनडीए का यह विधानसभा सम्मेलन केवल चुनावी शक्ति प्रदर्शन नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं को एकजुट करने का बड़ा मंच होगा। पहले और दूसरे चरण में 42-42 विधानसभाओं को कवर किया जाएगा। कुल 18 दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में 14 अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं, जिनका नेतृत्व जेडीयू, bjp, हम, लोजपा (रामविलास) और रालोमो जैसे घटक दलों के वरिष्ठ नेता करेंगे।
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इन टीमों में शामिल नेताओं में संजय झा, अशोक चौधरी, विजय चौधरी, उमेश कुशवाहा जेडीयू, श्रवण कुमार, रामनाथ ठाकुर, रत्नेश सदा, दिलीप जायसवाल बिहार बीजेपी अध्यक्ष, सम्राट चौधरी और कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस आयोजन के जरिए एनडीए बूथ स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है।
एनडीए की साझा अपील और नारा
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जेडीयू कार्यालय में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनडीए नेताओं ने कहा कि उनका साझा लक्ष्य "2025 में 225, फिर से नीतीश" नारे को गांव-गांव और प्रखंडों तक पहुंचाना है। यह अभियान विपक्ष की रणनीतियों का जवाब देने के साथ-साथ जनता को अपनी विकास योजनाओं से जोड़ने का प्रयास है।
बिहार चुनाव की ओर बढ़ते हुए, एनडीए का यह कार्यक्रम ग्रामीण इलाकों और शहरी इलाकों दोनों पर बराबर फोकस करेगा। एनडीए के इस कदम को विपक्षी दलों की वोट अधिकार यात्रा के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही, यह भी साफ है कि आने वाले महीनों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कड़ा मुकाबला होगा।
विधानसभा चुनाव 2025 का व्यापक परिदृश्य
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार का बिहार विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होगा। एक ओर एनडीए अपने पुराने वोट बैंक को बचाए रखने की कोशिश कर रहा है, वहीं विपक्ष सामाजिक न्याय और विकास के मुद्दों को लेकर जनता के बीच पहुंच बना रहा है। सूत्रों के अनुसार, एनडीए के इस सम्मेलन से कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा और आगामी चुनावों के लिए मजबूत आधार तैयार होगा। एनडीए विधानसभाह सम्मेलन के जरिए गठबंधन यह संदेश देना चाहता है कि वह पूरी मजबूती से चुनावी मैदान में उतर चुका है।
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