टॉप स्टोरीज़

Top 20 Best Hindi Blog In India 2025 | भारत के Top Hindi Blogger जो लाखों कमाते है जानिए कौन है

टेक्नोलॉजी

अब छिप नहीं पाएंगे नेता! Perplexity AI दिखाएगा हर Politician की शेयर होल्डिंग

ज्योतिष

Aaj Ka Rashifal 31 October 2025: आज के दिन चमकेंगे इन 3 राशियों के सितारे, जानें अपना भविष्यफल

ज्योतिष

Aaj Ka Love Rashifal 31 October 2025: तुला समेत 4 राशियों को मिलेगा सच्चा प्यार, धनु करेंगे लव मैरिज का फैसला!

धर्म

Aaj Ka Panchang 31 October 2025: आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल जानें, किस राशि पर बरसेगा शनिदेव का आशीर्वाद!

टेक्नोलॉजी

Google AI creative prompt ideas: जानिए ऐसे Creative Prompts जो बना देंगे आपको Viral

ज्योतिष

Aaj Ka Rashifal 29 October 2025: आज इन राशियों की किस्मत चमकेगी, जानें कैसा रहेगा आपका दिन

ज्योतिष

Aaj Ka Love Rashifal 29 October 2025: इन 4 राशियों पर बरसेगा प्यार, बनेगा रोमांस का सुपरडे!

एजुकेशन / World’s First Hostel University: भारत की ये यूनिवर्सिटी थी दुनिया का पहला हॉस्टल कैंपस!

World’s First Hostel University: भारत की ये यूनिवर्सिटी थी दुनिया का पहला हॉस्टल कैंपस!

Reported by: Ground Repoter | Written by: Ainam Hussain | Agency: SN Media Network
Last Updated:

नालंदा: दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय और उसका गौरव खबर का सार AI ने दिया. न्यूज़ टीम ने रिव्यु किया.

  • नालंदा दुनिया का पहला हॉस्टल वाला विश्वविद्यालय था, जहाँ 10,000 से अधिक छात्र और 2700 शिक्षक रहते थे।
  • इसमें 'धर्मगुंज' नामक 9 मंजिला विशाल लाइब्रेरी थी, जिसमें लाखों ग्रंथ मौजूद थे।
  • बख्तियार खिलजी द्वारा नष्ट होने के बाद, नालंदा विश्वविद्यालय का 2014 में आधुनिक रूप से पुनरुत्थान हुआ।

World's First Hostel University: भारत में सबसे पहला यूनिवर्सिटी जहां Hostel था और यह 10 हज़ार से भी ज़्यादा विद्यार्थी और 2700 शिक्षक रहते थे। लाइब्रेरी इतनी बड़ी की आदमी की पूरी उम्र निकल जाए किताबें पढ़ने में, कम से कम 9 मंजिल विशाल लाइब्रेरी और यह पढ़ने के लिए विद्यार्थी दूर–दूर से आया करते थे जैसे चीज़ जापान, कोरिया। यह विदेशी छात्रों के आकर्षक का केंद्र था।

भारत की वो जगह जहां से शुरू हुई दुनिया की पहली हॉस्टल यूनिवर्सिटी

इस बात की जानकारी के बाद आपको यकीन नहीं होगा कि दुनिया का पहला हॉस्टल वाला यूनिवर्सिटी कहीं और नहीं भारत का है। जी हां, नालंदा यूनिवर्सिटी भारत का पहले ऐसा विश्वविद्यालय है जहां दुनिया के कोने–कोने से छात्र पढ़ने आते थे और हॉस्टल में रहते थे। यह बात करीब आज से 15,000 साल पुरानी है जब न इंटरनेट था, न बिजली और न ही हाईटेक क्लासरूम। दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय (Residential University), जिसे स्थपित किया 5 वीं सदी के गुप्त वंश के राजा कुमारगुप्त प्रथम ने, तो चलिए जानते है इसके इतिहास के बारे में।

किताबें इतनी की आदमी पूरी जिंदगी भी कम है

संबंधित आर्टिकल्स

JEE Main Exam 2026: जनवरी में होगी पहली परीक्षा! देखें NTA का पूरा शेड्यूल और नई अपडेट

SSC CGL Answer Key 2025 Released: जल्दी करें डाउनलोड, ऑब्जेक्शन दर्ज करने की ये है आखिरी तारीख!

JAC 10th Compartment Result 2025 OUT: झारखंड बोर्ड ने किया बड़ा ऐलान, तुरंत देखें अपना रिजल्ट यहाँ! Direct Link @jacresults.com

SSC CGL Answer Key 2025 OUT: अब जारी हुई Official Key, ऐसे करें Download

MP Police SI Recruitment 2025: 27 अक्टूबर से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया, जानें पूरी डिटेल और परीक्षा तिथि!

RBI Grade B Admit Card 2025 जारी अभी डाउनलोड करें Hall Ticket @opportunities.rbi.org.in

नालंदा के बारे में जितना खूब कहा जाए उतना कम है, यह न सिर्फ एक विश्विद्यालय था बल्कि खुद में शहर था जहां हर कोने से ज्ञान की आवाज गूंजती और सुनाई देती थी। लाइब्रेरी की बात करें तो यह 9 मंजिला विशाल लाइब्रेरी थी, जिसका नाम "धर्म गुञ्ज" यानी "सत्य की गूंज" था। लाइब्रेरी को तीन भाग में बात गया था– रत्नरंजक, रत्नोदधि और रत्नसागर, जिनमें लाखों ग्रन्थ रखे गए थे। यूनिवर्सिटी में लगभग 10 हज़ार विद्यार्थी और 2700 शिक्षक थे जिनका पढ़ना, रहना और खाना सब फ्री था। किताबें सिर्फ भारत से नहीं बल्कि विदेशों जैसे जवान, चीन, तिब्बत, ईरान और ग्रीस तक से काई जाती थीं।

किसे यहां से शिक्षा मिली है?

नालंदा में पढ़ना उस वक्त किसी सपने से कम नहीं था। यहां देश विदेश से छात्र पढ़ने आते थें चाहे वो चीन, जापान, कोरिया और मंगोलिया जैसे देश क्यों न हो। यहां से पढ़े कुछ नाम आज इतिहास में दर्ज है। इनमें धर्मकीर्ति, नागार्जुन, वसुबंधु, हर्षवर्धन और चीन के प्रसिद्ध यात्री ह्वेनसांग (Xuanzang) शामिल हैं, जिन्होंने यहां के ग्रंथों का चीनी भाषा में अनुवाद किया।

विषय का भंडार था

यह सिर्फ धर्म और दर्शन की बात नहीं होती थी, यह एक मल्टी–डिसिप्लिन यूनिवर्सिटी थी। यहां हर उस विषय की पढ़ाई नहीं होती जो एक इंसान की ज़िंदगी में बहुत मूल रखते हैं, जैसे–इतिहास, गणित और अर्थशास्त्र, ज्योतिष और खगोलशास्त्र, मनोविज्ञान और विधि (Law) और वो सभी विषय पढ़ाए जाते थे जो ज्ञान की परिभाषा को बढ़ाता है।

Nalanda University कैसे हुआ बर्बाद?

अगर पूछे कि इतिहास की सबसे दर्दनाक घटना कौनसी थी तो वो नालंदा यूनिवर्सिटी का बर्बाद होना होगा। जब बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्याल को जला दिया था। तीन महीने तक नालंदा की लाइब्रेरी जलती रही, क्योंकि वहां इतनी किताबें थीं कि आग की लिपटे बढ़ती जा रही थी और इसे बुझने में 3 महीने लग गए।

भारत में वैश्विक शिक्षा का नया सूर्योदय

तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आज़ाद ने 2006 में नालंदा को फिर से जीवित करने का प्रस्ताव रखा। उनके इस प्रस्ताव में सिंगापुर, जापान और कई एशिया देशों ने रुचि दिखाई। 2007 में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में इसे लेकर 16 देशों ने समर्थन किया और आखिरकार 1 सितंबर 2014 को नालंदा विश्वविद्यालय ने राजगीर (बिहार) में अपना शैक्षणिक सत्र शुरू किया।

कितने एकड़ में बना है मॉडर्न नालंदा?

राजगीर की शांत पहाड़ियों के मध्य, एक नया सूर्योदय हो रहा है। आधुनिक नालंदा केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि भारत की बुद्धिमत्ता और सभ्यता की जीवंत प्रतीक है। यह पुराने गौरव की विरासत को नई तकनीक की शक्ति से जोड़ता है। 400 एकड़ (160 हेक्टेयर) में फैला इसका भव्य कैंपस हाइटेक क्लासरूम, एक डिजिटल लाइब्रेरी और यूको–फ्रेंडली संरचनाओं के साथ एशिया की ज्ञान का केंद्र बनने के लिए फिर से आमंत्रित कर रहा है। यह संगम भविष्य की शिक्षा की दिशा तय करेगा।

यह भी पढ़ें:- Amrita Walia IIT Success Story: कौन हैं अमृता वालिया, छोटे शहर की लड़की बनी Microsoft की स्टार!

यह भी पढ़ें:- IB ACIO Result 2025 OUT soon: इंटेलिजेंस ब्यूरो रिजल्ट जल्द होगा जारी, ऐसे करें चेक

POLL ✦
0 VOTES

नालंदा: भारत के शैक्षिक सफर पर सबसे बड़ा असर क्या?


ABOUT THE AUTHOR


Samastipur News को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।


Tags :

First Published : अक्टूबर 8, 2025, 08:03 पूर्वाह्न IST

एजुकेशन / World’s First Hostel University: भारत की ये यूनिवर्सिटी थी दुनिया का पहला हॉस्टल कैंपस!