मुजफ्फरपुर से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एसकेएमसीएच के थर्ड ईयर के एक छात्र को दूसरे छात्र के बदले परीक्षा देने के आरोप में कड़ी सजा भुगतनी पड़ी है। जांच में दोषी पाए जाने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र का नामांकन रद्द कर दिया और उसकी किसी भी तकनीकी परीक्षा में भाग लेने पर रोक लगा दी है।
नामांकन रद्द और तकनीकी परीक्षाओं पर प्रतिबंध
एसकेएमसीएच के एमबीबीएस थर्ड ईयर के छात्र पर यह कार्रवाई आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से की गई। सीतामढ़ी के रहने वाले इस छात्र, अफजल आजाद, पर आरोप है कि वह पीएमसीएच के एक अन्य छात्र की जगह परीक्षा दे रहा था। जांच के दौरान अफजल को रंगे हाथों पकड़ा गया, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने उसके नामांकन को रद्द कर दिया। अब उसे कॉलेज से सीएलसी देकर नाम काटने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
पहले भी सामने आए हैं ऐसे मामले
इससे पहले भी एसकेएमसीएच में इसी प्रकार की घटनाएं हो चुकी हैं। कुछ समय पूर्व, तीन अन्य छात्र भी परीक्षा घोटाले में पकड़े गए थे। रांची पुलिस इन छात्रों की खोज करते हुए आई थी और उनके खिलाफ विभागीय जांच जारी है।
पूर्णिया में नीट परीक्षा में भी गड़बड़ी
हाल के दिनों में पूर्णिया में आयोजित नीट परीक्षा के दौरान भी ऐसे ही मामले सामने आए थे। तीन छात्रों, नीतीश कुमार, जैद अहमद, और डब्ल्यू कुमार, को परीक्षा में धोखाधड़ी करते हुए पकड़ा गया था। इन छात्रों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ पुलिस जांच भी चल रही है।
कॉलेज प्रशासन की प्रतिक्रिया
एसकेएमसीएच के प्रभारी प्राचार्य, डॉ. महेश प्रसाद, ने बताया कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से अफजल आजाद का नामांकन रद्द कर दिया गया है। साथ ही, विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार, उसे कॉलेज से सीएलसी देकर नाम काटने की प्रक्रिया की जाएगी। प्राचार्य ने कहा कि ऐसे मामलों में प्रशासन कठोर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
वहीं, प्राचार्य डॉ. आभा रानी सिन्हा ने पूर्णिया के छात्रों के मामले में कहा कि इन छात्रों की विस्तृत जानकारी पैथालॉजी, फार्माकोलॉजी, और माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्षों से ली गई। बताया गया कि ये छात्र करीब एक महीने से कक्षाओं में अनुपस्थित थे और हॉस्टल से भी नदारद थे। दिलचस्प बात यह है कि ये छात्र अपने बैच के टॉपर की सूची में शामिल थे।
निष्कर्ष
शैक्षणिक संस्थानों में परीक्षा संबंधी गड़बड़ियों पर विश्वविद्यालय और पुलिस प्रशासन की सख्त कार्रवाई यह दर्शाती है कि ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए गंभीर कदम उठाए जा रहे हैं। भविष्य में छात्रों के लिए यह एक कड़ा संदेश है कि धोखाधड़ी और अनैतिक कार्यों का परिणाम गंभीर हो सकता है।
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