मुजफ्फरपुर सिटी के इंजीनियरिंग कॉलेजों, जिसमें एमआईटी भी शामिल है, में जल्द ही ड्रोन लैब स्थापित की जाएगी। यह कदम मुजफ्फरपुर न्यूज़ में चर्चा का विषय बना हुआ है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इस संबंध में सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों से प्रस्ताव मांगे हैं।
ड्रोन लैब की तैयारी
एमआईटी के प्राचार्य, प्रो. मिथिलेश कुमार झा ने बताया कि कॉलेज भी ड्रोन लैब के लिए प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया में है। एआईसीटीई ने इस पहल के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यह बिहार में इंजीनियरिंग कॉलेजों में ड्रोन लैब की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लैब में बीटेक और एमटेक के छात्रों को आधुनिक तकनीक से ड्रोन निर्माण की जानकारी दी जाएगी, और छात्रों को व्यावहारिक रूप से ड्रोन तैयार करने का भी अवसर मिलेगा।
एआईसीटीई का करार
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ड्रोन लैब की स्थापना के लिए एआईसीटीई ने एक विशेष संस्था के साथ करार किया है, जिसके तहत एरोविजन ड्रोन का निर्माण किया जाएगा। प्रो. झा ने कहा कि यह लैब बीटेक छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी और उन्हें रोजगार के क्षेत्र में बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।
लैब के बाद होगा ओरिएंटेशन
जब ड्रोन लैब खुल जाएगी, तो कॉलेजों में पहले छात्रों के लिए ओरिएंटेशन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। एआईसीटीई द्वारा नियुक्त संस्था छात्रों को ड्रोन लैब के कार्यों और आवश्यकताओं के बारे में जानकारी देगी। शिक्षकों को भी इस ओरिएंटेशन कक्षा में शामिल किया जाएगा, ताकि वे छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकें।
आधुनिक तकनीक की समझ
एआईसीटीई ने निर्देश दिए हैं कि ड्रोन लैब की स्थापना से छोटे शहरों के छात्र भी देश-विदेश में उपयोग हो रही आधुनिक तकनीक को जान सकेंगे। कॉलेजों में लैब खुलने से भारत ड्रोन निर्माण में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाएगा। प्रो. झा ने इसे देश की तकनीकी शिक्षा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है।
इस पहल के जरिए मुजफ्फरपुर सिटी के छात्रों को आधुनिक तकनीक से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर मिलेगा, जिससे वे भविष्य में अपनी तकनीकी कौशल को और भी विकसित कर सकेंगे।
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