बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में एक युवक, जीवन साह (40), की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। परिजनों का आरोप है कि जीवन साह अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़कर ताड़ी बेचने वाली जगतारिणी देवी उर्फ बलिया वाली के घर पर रहता था। वहां उसे मजदूरी के बदले शराब दी जाती थी।
पुलिस ने इस मामले में गहराई से जांच शुरू कर दी है। मृतक के पिता जलेबी साह का कहना है कि जीवन को शराब में जहर देकर मारा गया है। वे आरोप लगाते हैं कि बलिया वाली और उसके साथी लंबे समय से इस धंधे में लिप्त हैं।
परिवार की पीड़ा: घर नहीं लौटता था युवक
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दौलती देवी, जीवन की पत्नी, ने बताया कि दीपावली की रात भी उसका पति बलिया वाली के घर पर ही था। उसने कहा, "वह हमें एक भी रुपया नहीं देता था और हमेशा शराब पीता था।" दौलती देवी के चार बच्चे हैं, और अब उसे अपने परिवार का पालन-पोषण करना है।
पुलिस की कार्रवाई: शराब के धंधे पर अंकुश
मृतक का शव पोस्टमॉर्टम के बाद सिमरिया गंगा तट पर अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या जीवन की मौत जहरीली शराब पीने से हुई या यह एक हत्या का मामला है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि जिनेदपुर में पासी समाज के 10 से अधिक लोग ताड़ी बेचते हैं, लेकिन वे असल में बड़े पैमाने पर देसी शराब बनाते हैं। पुलिस ने इस मामले में छापेमारी की योजना बनाई है ताकि शराब के इस अवैध धंधे पर अंकुश लगाया जा सके।
शराब का धंधा: गांव में चिंता का विषय
गाँव के लोगों का मानना है कि बलिया वाली के पति की मौत के बाद उसने जीवन साह को अपने जाल में फंसा लिया था। स्थानीय निवासी राहुल ने कहा, "यहां जहरीली शराब बिक रही है, जिससे कई लोग बीमार हो चुके हैं।" इस मामले ने बेगूसराय, बिहार में शराब के धंधे और उसके खतरनाक परिणामों पर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह इस स्थिति को गंभीरता से लेकर त्वरित कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं न हों।
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