दरभंगा बाढ़ समाचार: बिहार के दरभंगा जिले में कोसी और कमला बलान नदी में उफान के कारण कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के 41 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। चार पंचायतें पूरी तरह से जलमग्न हो गई हैं। प्रभावित गांवों में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, और सैकड़ों परिवार अपने घरों में पानी घुसने के कारण चूड़ा-सत्तू खाने को मजबूर हैं।
41 गांव बाढ़ से प्रभावित, धान की फसलें तबाह
कोसी और कमला बलान नदी के पश्चिमी तटबंध से पूरब स्थित चार पंचायतों के सभी गांव पानी में डूब गए हैं। बाढ़ के कारण हजारों एकड़ में लगी धान की फसलें नष्ट हो गई हैं। सुघरईन पंचायत, भिंडुआ पंचायत और भरैन मुशहरी जैसे गांवों के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है, जिससे लोग खाट पर बैठकर समय बिता रहे हैं।
तेजी से बढ़ रहा है नदी का जलस्तर
रविवार शाम से सोमवार दोपहर तक नदी के जलस्तर में 4 से 5 फीट की वृद्धि हुई है, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं। बाढ़ के कारण इन गांवों का सड़क से संपर्क पूरी तरह टूट गया है, और अब नाव ही आवागमन का एकमात्र साधन बन गई है।
घरों में चूल्हे नहीं जले, चूड़ा-सत्तू खाने को मजबूर
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सैकड़ों घरों में पानी भर जाने के कारण चूल्हे नहीं जल पाए हैं। स्थानीय निवासी कारी सदा, राम पुकार सदा और अन्य लोगों ने बताया कि अचानक रात में पानी घरों में घुस गया, जिसके बाद लोगों को आनन-फानन में अपने सामान को बचाना पड़ा। दिन-रात लोग चूड़ा, चीनी और सत्तू खाकर गुजर-बसर कर रहे हैं।
स्कूल बंद, फसलें बर्बाद, नाव ही सहारा
बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में खरीफ की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। लगभग 4815.69 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसलें पानी में डूब चुकी हैं। प्रभावित क्षेत्रों के सभी स्कूलों को बंद करने की सिफारिश की गई है। बीईओ राम भरोसे चौधरी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित स्कूलों को बंद करने के लिए वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।
पुलिस की गश्त और राहत कार्य
थानाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में पुलिस गश्त कर रही है, और लोगों को सुरक्षित रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। 26 नावों को राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है, वहीं एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है।
सामुदायिक किचन शुरू
तेगच्छा, महादेव मठ, तिलकेश्वर, सपही और अन्य गांवों में सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गई है ताकि बाढ़ प्रभावित लोग भोजन पा सकें।
दरभंगा में बाढ़ की इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत है, लेकिन हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं।
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