I Want To Talk Movie Review: दिल को छू लेने वाली अभिषेक बच्चन की कहानी, जानिए फिल्म की पूरी समीक्षा

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I Want To Talk Movie Review: क्या है खास?: अभिषेक बच्चन की नई फिल्म “I Want To Talk” एक ऐसी कहानी लेकर आई है जो न केवल दर्शकों के दिल को छूती है बल्कि समाज को गहराई से सोचने पर मजबूर करती है। फिल्म को शूजित सरकार ने डायरेक्ट किया है, जो अपने सेंसिटिव और हार्ड-हिटिंग कंटेंट के लिए जाने जाते हैं।

फिल्म की कहानी (Story)

I Want To Talk Movie Review: कहानी अर्जुन (अभिषेक बच्चन) की है, जो एक IIT और MBA ग्रेजुएट है। अमेरिका में कामयाब करियर के सपने पूरे कर चुका अर्जुन की जिंदगी उस वक्त पलट जाती है जब उसे पता चलता है कि वह लैरिंजियल कैंसर से जूझ रहा है।

डॉक्टरों के मुताबिक, अर्जुन के पास जीने के लिए 100 दिन से भी कम समय बचा है। इसके बाद उसकी नौकरी छूट जाती है और उसे जिंदगी के सबसे कठिन फैसलों का सामना करना पड़ता है। अर्जुन की जिम्मेदारी केवल अपनी नहीं, बल्कि अपनी छोटी बेटी की परवरिश की भी है।

कहानी का असली मोड़ तब आता है जब अर्जुन मौत को भी मैनिप्युलेट करते हुए जिंदगी जीने की अपनी जिद जारी रखता है। 20 से ज्यादा सर्जरी और शरीर का 90% हिस्सा ऑपरेट होने के बाद भी अर्जुन हार मानने को तैयार नहीं है।

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फिल्म की खास बातें (What Works)

  1. अभिषेक बच्चन का अभिनय
    अर्जुन के किरदार में अभिषेक बच्चन पूरी तरह डूब गए हैं। उनकी हर भाव-भंगिमा और डायलॉग डिलीवरी दर्शकों को बांध कर रखती है। खासकर उनकी बेटी के साथ के इमोशनल सीन्स दिल को छू जाते हैं।
  2. शूजित सरकार का निर्देशन
    शूजित सरकार की फिल्में हमेशा सादगी में गहराई बयां करती हैं। इस फिल्म में भी उन्होंने बखूबी दिखाया है कि कैसे एक गंभीर बीमारी व्यक्ति और उसके परिवार को अंदर से तोड़ देती है।
  3. फिल्म की कहानी और संवाद
    फिल्म की स्क्रिप्ट काफी प्रभावी है। अर्जुन के दर्द, संघर्ष, और अपनी बेटी के प्रति जिम्मेदारी को दिखाने वाले सीन्स को काफी संतुलित और मार्मिक तरीके से पेश किया गया है।
  4. समाज का सच
    फिल्म केवल अर्जुन की कहानी नहीं है, यह उन लाखों लोगों की सच्चाई है जो गंभीर बीमारियों से जूझते हुए भी समाज में एक “स्ट्रॉन्ग फाइटर” बनने की कोशिश करते हैं।

कमियां (What Could Be Better)

  1. लंबाई
    कुछ सीन्स को थोड़ी एडिटिंग की जरूरत थी। फिल्म का पहला भाग धीमा महसूस हो सकता है।
  2. सपोर्टिंग कास्ट का इस्तेमाल
    फिल्म में सपोर्टिंग कास्ट के किरदार और बैकस्टोरी को थोड़ा और विस्तार दिया जा सकता था।

क्यों देखें फिल्म?

यदि आप लंबे समय से एक ऐसी फिल्म की तलाश में हैं, जो आपको इमोशनल कर दे और एक नई सोच दे, तो “I Want To Talk” आपके लिए परफेक्ट है। यह फिल्म ना केवल एक व्यक्ति के संघर्ष की कहानी है, बल्कि जिंदगी की जंग लड़ने वाले हर इंसान के लिए प्रेरणा है।


Reting और अंतिम शब्द

रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)

“I Want To Talk” एक सशक्त कहानी, शानदार अभिनय और बेहतरीन निर्देशन का मिश्रण है। अभिषेक बच्चन ने साबित कर दिया है कि वह ऐसे संवेदनशील किरदारों को बखूबी निभाने की क्षमता रखते हैं। यह फिल्म आपको रुलाएगी, लेकिन साथ ही जिंदगी की कद्र करना भी सिखाएगी।

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Sonu Kumar

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