Singham Again Review: ढाई घंटे का लंबा ट्रेलर, दर्शकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी ‘सिंघम अगेन’

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Samastipur News Bihar

Singham Again Review: अगर आप दिवाली के मौके पर अजय देवगन की ‘सिंघम अगेन’ देखने का प्लान बना रहे हैं, तो पहले इसका रिव्यू जरूर पढ़ लें। फिल्म रोहित शेट्टी की वही कारें उड़ाने वाली स्टाइल में बनी है, और ऐसा लगता है जैसे यहां पर फिजिक्स और ग्रैविटी को दरकिनार कर दिया गया है। बिना दिमाग लगाए केवल सितारों की अदाकारी और ऐक्शन देखने जाना हो तो ही इसे देखने का प्लान बनाएं, वरना यह सिर्फ समय की बर्बादी ही होगी।

कहानी

Singham Again Review: फिल्म की कहानी पहले से ट्रेलर में बता दी गई थी। सिंघम (अजय देवगन) की पत्नी (करीना कपूर) का किडनैप हो जाता है, और उसे बचाने के लिए वह ‘लंका’ की ओर रुख करते हैं। अर्जुन कपूर विलेन के किरदार में हैं, और फिल्म में रोहित शेट्टी की पुरानी फिल्मों के सभी सितारों का जमावड़ा है। इस बार कहानी में रामायण के कुछ संदर्भ जोड़े गए हैं, जो फिल्म की पृष्ठभूमि में एक बड़ा लेकिन जबरदस्ती का ट्विस्ट लाने की कोशिश करते हैं।

फिल्म की समीक्षा

‘सिंघम अगेन’ को ढाई घंटे के लंबे ट्रेलर के रूप में देखा जा सकता है। फिल्म की शुरुआत बहुत साधारण होती है, और अजय देवगन की एंट्री का वही पुराना स्टाइल इस बार भी देखने को मिलता है। पहले की सिंघम का देसी अंदाज दर्शकों के दिलों को छू गया था, लेकिन इस बार फिल्म में जबरदस्ती मसाले डाले गए हैं और सितारे ठूसे हुए लगते हैं। रामायण के संदर्भ की आवश्यकता शायद नहीं थी, और फिल्म में बस सितारों का स्वैग और स्टाइल ही देखने को मिलता है।

रणवीर सिंह की कॉमिक टाइमिंग जरूर मनोरंजक है, और सलमान खान का केमियो भी ज्यादा असरदार नहीं लगता। अगर आप फिल्म के अंत में कुछ और देखने की उम्मीद करते हैं, तो क्रेडिट रोल तक रुकने की सलाह दी जाती है।

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एक्टिंग परफॉर्मेंस

अजय देवगन सिंघम के किरदार में ठीक लगते हैं। दीपिका पादुकोण का रोल भी काफी सीमित है, जैसा कि ट्रेलर में दिखाया गया था। टाइगर श्रॉफ का किरदार भी फिल्म में कुछ खास दमदार नहीं है। रणवीर सिंह हंसाने में जरूर सफल रहे हैं और उनका किरदार फिल्म को सहने योग्य बना देता है। अर्जुन कपूर की कोशिश तो सराहनीय है, लेकिन उनका गब्बर जैसा लुक डर पैदा नहीं कर पाया। अक्षय कुमार भी सूर्यवंशी के रोल में दिखाई देते हैं, जो कुछ खास नया नहीं है।

डायरेक्शन और सिनेमैटोग्राफी

रोहित शेट्टी का डायरेक्शन इस बार कमजोर साबित हुआ है। सीटीमार सीन की कमी है, और बड़े ट्विस्ट भी देखने को नहीं मिलते। ऐसा लगता है कि रोहित शेट्टी ने सितारों पर जोर दिया, लेकिन स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले पर उतनी मेहनत नहीं की। फिल्म में विलेन को आसानी से हरा दिया जाता है, जिससे वो थ्रिल मिसिंग लगता है जो दर्शकों को सीट से बांध कर रखे।

अंतिम निष्कर्ष

‘सिंघम अगेन’ एक औसत फिल्म है जिसमें नया कुछ भी नहीं है। अगर आपको पर्दे पर सितारों का स्टाइल और ऐक्शन देखना पसंद है, तो आप इसे देख सकते हैं। लेकिन कहानी और निर्देशन में नयापन की कमी इस फिल्म को सिर्फ सितारों के सहारे खड़ा करती है।

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