Muzaffarpur News: चर्चित किडनी कांड की पीड़िता सुनीता की दुखद मौत के बाद अब NHRC में अवमानना वाद दायर किया गया है। इस वाद को मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के. झा ने दायर किया है। वकील का कहना है कि बिहार सरकार मानवाधिकार के प्रति सजग नहीं है और सुनीता की मौत केवल और केवल सरकार की लापरवाही का परिणाम है।
आयोग ने बिहार सरकार को स्पष्ट आदेश दिया था कि उच्च प्राथमिकता के आधार पर सुनीता को किडनी प्रत्यारोपण कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। लेकिन दुर्भाग्यवश, बिहार सरकार ने आयोग के आदेश का पालन नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप सुनीता को अपनी जान गंवानी पड़ी।
जानिए पूरी कहानी
सालों से चल रहे इस किडनी कांड में सुनीता की मौत 21 अक्टूबर को हुई। NHRC द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार, बिहार सरकार को किडनी प्रत्यारोपण के लिए तात्कालिक कार्रवाई करनी थी, लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। वकील एस.के. झा का कहना है कि यदि बिहार सरकार माननीय आयोग द्वारा पारित निर्णय का अनुपालन करती, तो सुनीता को बचाया जा सकता था।
यह अवमानना वाद मानवाधिकार के उल्लंघन का गंभीर उदाहरण है, जहां एक निर्दोष नागरिक की जान सरकार की लापरवाही के कारण चली गई। अब देखना यह होगा कि NHRC इस मामले में आगे क्या कदम उठाता है और बिहार सरकार की लापरवाही के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।
इस प्रकार के मामलों में सरकार की जिम्मेदारी बेहद महत्वपूर्ण होती है, और इस घटना ने समाज के समक्ष गंभीर सवाल खड़े किए हैं। क्या सरकार मानवाधिकारों के प्रति सचेत है? क्या ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी? इन सवालों के जवाब तलाशना अब समय की मांग है।
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