बिहार में मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत अल्पसंख्यक वर्ग की इंटरमीडिएट छात्राओं को एक खास तोहफा मिलने जा रहा है। इस योजना के तहत वर्ष 2024 की इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुई छात्राओं को 15,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि उनके खाते में सीधे भेजी जाएगी। अब राज्य सरकार ने इस योजना का लाभ लेने से वंचित 645 छात्राओं को भी सहायता प्रदान करने की पूरी तैयारी कर ली है।
योजना का उद्देश्य और लाभार्थी कौन हैं?
मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय की उन मेधावी छात्राओं को प्रोत्साहित करना है जो अपनी शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। सरकार चाहती है कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्राएं अपनी शिक्षा को लेकर प्रेरित रहें और उनके भविष्य में आर्थिक समस्याएं बाधा न बनें। इस योजना के तहत 2024 में इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रथम श्रेणी में पास हुई छात्राओं को 15,000 रुपये की राशि दी जा रही है।
किन छात्राओं को मिलेगा लाभ?
- वर्ष 2024 की इंटरमीडिएट परीक्षा में अल्पसंख्यक समुदाय की 1532 छात्राएं प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुई थीं।
- इनमें से 887 छात्राओं को पहले चरण में प्रोत्साहन राशि मिल चुकी है।
- अब शेष बची 645 छात्राओं को भी 15,000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
कैसे करें आवेदन?
छात्राओं को इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा। आवेदन की अंतिम तिथि 15 नवंबर निर्धारित की गई है, इसलिए इच्छुक छात्राओं को जल्द से जल्द आवेदन करना चाहिए।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़:
- स्वहस्तलिखित आवेदन पत्र – एक औपचारिक आवेदन पत्र जिसमें छात्रा की व्यक्तिगत जानकारी, बैंक खाते की जानकारी और प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने की इच्छा को व्यक्त किया गया हो।
- आधार कार्ड की छायाप्रति – आधार कार्ड की प्रति इस बात की पहचान के लिए आवश्यक है कि आवेदक सच में वही व्यक्ति है।
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र – यह प्रमाणित करने के लिए कि छात्रा बिहार राज्य की निवासी है।
- इंटरमीडिएट का प्रवेश पत्र – परीक्षा में शामिल होने का सबूत।
- इंटरमीडिएट का अंक पत्र – इस पर छात्रा के द्वारा हासिल किए गए अंकों का विवरण होता है जो यह सुनिश्चित करता है कि वह प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुई है।
- पंजीयन पत्र – जो यह साबित करता है कि छात्रा ने बोर्ड के साथ पंजीकरण किया हुआ है।
- बैंक पासबुक की छायाप्रति (आधार से जुड़ी हुई) – इस योजना के तहत राशि सीधे छात्रा के खाते में भेजी जाएगी, इसलिए आधार-सीडेड बैंक खाता अनिवार्य है।
- मोबाइल नंबर – छात्रा का मोबाइल नंबर ताकि आवेदन प्रक्रिया से संबंधित किसी भी सूचना को साझा किया जा सके।
आवेदन प्रक्रिया
छात्राओं को इन सभी दस्तावेजों के साथ अपना आवेदन पत्र संबंधित विभाग में जमा करना होगा। आवेदन पत्रों की जांच के बाद ही सरकार द्वारा फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
छात्राओं को कैसे मिलेगा पैसा?
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत छात्राओं के बैंक खातों में सीधे 15,000 रुपये की राशि भेजने का प्रावधान किया है। एक बार सभी दस्तावेज़ सत्यापित हो जाने के बाद संबंधित खाते में राशि सीधे ट्रांसफर कर दी जाएगी। इस प्रक्रिया के लिए विभाग ने सभी संबंधित कार्यालयों को निर्देश जारी कर दिए हैं, ताकि लाभार्थी छात्राओं को जल्द से जल्द प्रोत्साहन राशि मिल सके।
क्यों शुरू की गई यह योजना?
बिहार सरकार की इस योजना का मकसद अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं को शिक्षा के प्रति प्रेरित करना है। राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र और छात्राएं उच्च शिक्षा में कई बार बाधाओं का सामना करते हैं। इस प्रोत्साहन राशि से न केवल छात्राओं को आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि वे अपने करियर में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित भी होंगी। इसके साथ ही, यह योजना उन छात्राओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने में भी सहायक होगी जो शिक्षा में अपनी उत्कृष्टता का प्रदर्शन कर रही हैं।
योजना के पीछे का महत्व
इस योजना के जरिए राज्य सरकार का उद्देश्य है कि अल्पसंख्यक समुदाय की बेटियों को शिक्षा के क्षेत्र में सशक्त किया जा सके। जब राज्य की बेटियां पढ़ेंगी और सशक्त होंगी, तो इससे न केवल समाज का विकास होगा बल्कि देश के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
15 नवंबर है अंतिम तिथि – जल्द करें आवेदन
इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक छात्राओं को 15 नवंबर तक आवेदन देना अनिवार्य है। इसलिए जो छात्राएं इस योजना से अभी तक वंचित रह गई हैं, उन्हें जल्द से जल्द आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए।
अल्पसंख्यक विभाग की भूमिका
बिहार राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने सभी जिलों को इस योजना के तहत आवेदन पत्रों की जांच प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है। विभाग का उद्देश्य है कि सभी पात्र छात्राओं को जल्द से जल्द प्रोत्साहन राशि प्राप्त हो सके। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
निष्कर्ष: मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना से बिहार की हजारों छात्राओं को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे वे अपने भविष्य को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकेंगी।
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