बुधवार (18 दिसंबर) की रात पटना-बांद्रा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (22972) के जनरल कोच में आग लगने से अफरातफरी का माहौल बन गया। यह घटना बक्सर के टुड़ीगंज और डुमरांव स्टेशन के बीच हुई, लेकिन फायर ब्रिगेड और रेलवे स्टाफ की तत्परता से आग पर काबू पा लिया गया और एक बड़ा हादसा टल गया।
घटना का विवरण
ट्रेन रात करीब 1 बजे टुड़ीगंज स्टेशन से गुजर रही थी, जब ड्यूटी पर तैनात रेलवे कर्मचारियों ने जनरल बोगी के नीचे से आग की लपटें निकलती देखीं। उन्होंने तुरंत रेलवे कंट्रोल रूम और फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी। इसके बाद ट्रेन को डुमरांव स्टेशन पर रोका गया।
आग कहां लगी थी?
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, आग एलएचबी कोच के पहिए और एक्सल के बीच लगी थी।
- आग बुझाने के लिए पानी का इस्तेमाल नहीं किया गया, ताकि पहिए और कूलेंट जाम न हो जाएं।
- फायर एक्सटिंग्विशर सिलेंडर का इस्तेमाल कर आग को नियंत्रित किया गया।
आग लगने के बाद की कार्रवाई
- प्रभावित बोगी को अलग किया गया:
आग से प्रभावित बोगी को अन्य बोगियों से अलग कर दिया गया। - ट्रेन को देरी से रवाना किया गया:
घटना के बाद ट्रेन को लगभग तीन घंटे की देरी के बाद बांद्रा के लिए रवाना किया गया। - जांच शुरू:
आरपीएफ पोस्ट प्रभारी दीपक कुमार ने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।
तत्परता से टला बड़ा हादसा
इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। रेलवे और फायर ब्रिगेड की तेज़ कार्रवाई से एक बड़ा हादसा टल गया।
महत्वपूर्ण तथ्य
- घटना का समय: रात करीब 1 बजे।
- स्थान: टुड़ीगंज और डुमरांव स्टेशन के बीच।
- प्रभावित बोगी: जनरल डिब्बा (एलएचबी कोच)।
- आग बुझाने का तरीका: फायर एक्सटिंग्विशर सिलेंडर का इस्तेमाल।
यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना यात्रियों की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े करती है। रेलवे कोच में आग लगने की यह घटना दिखाती है कि नियमित निरीक्षण और रखरखाव कितना जरूरी है।
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