क्या सच में तंत्र साधना से होती है हर मनोकामना पूरी? जानें बहुरा मामा की रहस्यमयी कहानी

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नवरात्रि का महापर्व बेगूसराय में भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दौरान, मां दुर्गा के तंत्र साधक विविध तरीकों से पूजा-अर्चना कर भगवती को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। नवरात्र के 10 दिनों में, साधक अपनी साधना को सिद्ध करने के लिए कलश स्थापना की रात से ही विशेष अनुष्ठान शुरू करते हैं और रात में निसा पूजा के समय प्रसिद्ध भगवती स्थान में अपनी साधना का समापन करते हैं।

तंत्र साधकों की गुरु: आज भी भारत और विदेशों से जुड़े साधकों की प्रेरणा

बहुरा मामा, जो बखरी की निवासी थीं, तंत्र साधना की एक प्रसिद्ध गुरु मानी जाती हैं। यहां तक कि आज भी वह भारत और विदेशों के तंत्र साधकों की गुरु हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वे तंत्र साधना के जरिए पेड़ों के सहारे उड़ान भरती थीं। बखरी में उनकी ख्याति इतनी है कि वहां की बकरी और लकड़ी भी उनके नाम से जुड़ी हैं। बहुरा मामा का चौबटिया इनार (कुंआ) आज भी मौजूद है, जहां से होकर वे सोने की नाव पर सवार होकर विभिन्न स्थानों पर जाती थीं।

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भगवान की तरह पूजनीय

बहुरा मामा को लोग भगवान की तरह पूजते हैं। बखरी गोढ़ियारी दुर्गा मंदिर के निकट उनकी प्रतिमा स्थापित है, जहां भक्त रोज पूजा-अर्चना करते हैं और मन्नत मांगते हैं। नवरात्रि के दौरान, यहां हजारों साड़ियाँ चढ़ाई जाती हैं, जिन्हें गरीबों में बांटा जाता है।

तंत्र मंत्र की प्रभावशीलता

बहुरा मामा का तंत्र मंत्र आज भी लोगों में विशेष मान्यता रखता है। नवरात्रि में माता-पिता अपने बच्चों को बुरी शक्तियों से बचाने के लिए काले कपड़े में पीला सरसों, हींग, अजवाइन और लहसुन पहनाते हैं। अष्टमी के दिन यह सभी वस्तुएं चौराहे पर फेंक दी जाती हैं।

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बहुरा मामा की अद्भुत कहानियाँ

बहुरा मामा की कहानियाँ आज भी बखरी में जीवंत हैं। उनके जप, योग और यज्ञ के कार्य ठूठी पाकड़ के नीचे होते थे। कहा जाता है कि वे अपनी शिष्यों के साथ कठिन परीक्षा के दौर से गुजरकर तंत्र मंत्र की सिद्धि प्राप्त करती थीं।

नृत्य और नाटक में बहुरा मामा की विरासत

बहुरा मामा की कथा सिर्फ तंत्र-मंत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके नृत्य और नाटक का आयोजन अब देश के विभिन्न हिस्सों में होता है। बखरी और उसके आसपास के जिलों में आज भी उनकी कहानियाँ गूंजती हैं।

निष्कर्ष: बेगूसराय में बहुरा मामा की साधना और श्रद्धा का यह अनूठा अनुभव, नवरात्रि के पर्व पर लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बना हुआ है। उनके प्रति आस्था और मान्यता आज भी जीवित है, जो तंत्र साधकों की परंपरा को आगे बढ़ा रही है। बेगूसराय न्यूज में उनकी यह कथा लगातार चर्चा का विषय बनी रहती है।

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Ritu Sharma

Ritu Sharma is an experienced news editor with over a decade in journalism, currently leading editorial efforts at SamastipurNews.in. Renowned for her commitment to journalistic integrity and precision, Ritu has developed a reputation for curating insightful, unbiased news content that resonates with readers. She holds a Master’s degree in Journalism and Mass Communication, equipping her with deep expertise in media ethics and storytelling.

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