मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को ग्रामीण विकास विभाग की महत्वाकांक्षी परियोजना का शुभारंभ करते हुए राज्य के 5671 ग्राम पंचायतों में 6659 खेल मैदानों के निर्माण का रिमोट से उद्घाटन किया। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को खेलों के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा और अवसर प्रदान करना है।
मनरेगा योजना के तहत खेल मैदान निर्माण
इस परियोजना को मनरेगा योजना के अंतर्गत लागू किया गया है, जिसके तहत 38 जिलों के 533 प्रखंडों में खेल मैदान विकसित किए जाएंगे। इसके लिए 63,827.35 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
खेल मैदान निर्माण के मुख्य लाभ
- रोजगार सृजन: अनुमानित 41 लाख मानव दिवस का सृजन होगा, जिससे ग्रामीण मजदूरों को रोजगार मिलेगा।
- खेल के प्रति जागरूकता: ग्रामीण युवाओं में खेल प्रतियोगिताओं और प्रतिस्पर्धाओं के प्रति उत्साह बढ़ेगा।
- आधारभूत संरचना: खेल की बेहतर सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध होंगी, जिससे युवाओं की प्रतिभा निखर सकेगी।
तीन प्रकार के खेल मैदान
परियोजना के तहत भूमि की उपलब्धता के आधार पर तीन प्रकार के खेल मैदान विकसित किए जा रहे हैं:
- बड़े खेल मैदान (4 एकड़):
- खेल सुविधाएं: क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन, ऊंची कूद, लंबी कूद, कबड्डी, खो-खो।
- मध्यम आकार के खेल मैदान (1-1.5 एकड़):
- खेल सुविधाएं: क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन।
- छोटे खेल मैदान (1 एकड़ से कम):
- खेल सुविधाएं: बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रैक, बैडमिंटन।
कार्यक्रम में भागीदारी
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, और कई वरीय अधिकारी मौजूद थे। इसके अलावा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और वेबकास्टिंग के माध्यम से जिलाधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि, और बड़ी संख्या में युवा इस पहल से जुड़े।
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