Chopra Puja 2025: इस वर्ष 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को दीपावली का पर्व देशभर में बड़ी श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाएगा। इसी दिन विशेष रूप से गुजरात और राजस्थान में प्रसिद्ध Chopra Puja 2025 का आयोजन किया जाएगा। यह पूजा व्यापारिक समुदाय के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है क्योंकि इस दिन वे अपने नए बही-खातों (Chopra) की शुरुआत करते हैं। दीपावली का यह पर्व सिर्फ रोशनी का नहीं, बल्कि नए आरंभ, शुभ लाभ और समृद्धि का प्रतीक भी है।
क्या है चोपड़ा पूजा? (What is Chopra Puja?)
चोपड़ा पूजा (Chopra Puja) दीपावली के दिन की जाने वाली एक पारंपरिक पूजा है जो खासतौर पर व्यापारी वर्ग के बीच अत्यंत प्रसिद्ध है। “चोपड़ा” का अर्थ होता है बही-खाता या लेखा-पुस्तक। इस दिन व्यापारी और कारोबारी लोग पुराने खातों को समाप्त कर नई बही खोलते हैं और उस पर “श्री गणेशाय नमः” या “श्री लक्ष्मी नमः” लिखते हैं।

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माना जाता है कि इससे मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और व्यापार में शुभ फल मिलते हैं। Chopra Puja इस बात को दर्शाता है कि जीवन में हर नई शुरुआत ईमानदारी, सकारात्मक सोच और सत्यनिष्ठा के साथ होनी चाहिए। यह परंपरा सिर्फ व्यापारिक दृष्टि से नहीं बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।
Chopra Puja 2025 Date और शुभ मुहूर्त
इस वर्ष दीपावली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी और उसी दिन चोपड़ा पूजा भी की जाएगी।
- प्रदोष काल: शाम 5:46 बजे से रात 8:18 बजे तक
- लाभ चौघड़िया: दोपहर 3:44 से शाम 5:46 बजे तक
- चर चौघड़िया: शाम 5:46 से 7:21 बजे तक
इन समयों में की गई पूजा को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। विशेषकर प्रदोष काल में पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और नए वर्ष में व्यापार में सफलता मिलती है। दीवाली चोपड़ा पूजा के दौरान व्यापारी अपने पुराने बही-खातों को बंद कर नए खाते खोलते हैं, जिससे नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत शुभ मानी जाती है।
चोपड़ा पूजा का महत्व और विधि
Chopra Puja केवल धन की प्राप्ति से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह आत्मविश्वास, सत्यता और सकारात्मकता का प्रतीक है। पूजा की विधि में सबसे पहले भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। फिर उन्हें फूल, दीपक, चंदन और मिठाई अर्पित करें। इसके बाद नए बही-खाते पर “श्री गणेशाय नमः” लिखें और दीपक जलाएं।
पूजा के अंत में “ॐ गणेशाय नमः” या “ॐ श्री लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन किए गए संकल्प आने वाले पूरे वर्ष में सफलता, स्थिरता और समृद्धि प्रदान करते हैं।
धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से महत्व
चोपड़ा पूजा हमें सिखाती है कि जीवन में पुराने कर्मों का लेखा समाप्त कर नई शुरुआत करनी चाहिए। यह दिन केवल व्यापार की दृष्टि से नहीं बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में नई ऊर्जा लाने का अवसर देता है। इस दिन व्यापारी और परिवारजन अपने कार्यस्थल या घर पर पूजा करते हैं ताकि ईमानदारी, सफलता और खुशहाली का वास बना रहे।
चोपड़ा पूजा शुभ चौघड़िया मुहूर्त के दौरान की गई आराधना से वर्षभर सौभाग्य और लक्ष्मी कृपा बनी रहती है। यह पूजा केवल एक धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रतीक है।
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