Bihar News: ‘मेडल लाओ और नौकरी पाओ’ योजना के तहत बदली खिलाड़ियों की जिंदगी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने राज्य में खेल को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए नई पहल की है। सरकार ने खेलों के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से ‘बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023’ बनाई है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में सीधी नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया है।
‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ’ योजना का इतिहास
नीतीश कुमार ने 2010 में इस योजना की शुरुआत की थी। इसमें मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई। तब से अब तक 271 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का लाभ मिल चुका है। इस वर्ष 2023-24 में, इस योजना के तहत 71 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को बिना परीक्षा और इंटरव्यू के सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा गया है।
खिलाड़ियों को मिली सरकारी नौकरी
‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ’ योजना के तहत अब तक 342 खिलाड़ियों को विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियाँ प्रदान की जा चुकी हैं। हाल ही में 71 खिलाड़ियों को नियुक्ति दी गई, जिसमें 2 को उच्च पदाधिकारी पद (जैसे बाल विकास परियोजना पदाधिकारी और प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी) की नौकरियाँ और 69 को पुलिस अवर निरीक्षक, समाज कल्याण विभाग में अधीक्षक, डेटा एंट्री ऑपरेटर और क्लर्क के पदों पर नौकरी दी गई है।
खेलों के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ाने का प्रयास
नीतीश सरकार ने खेलों में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई हैं। इनमें जिला और प्रखंड स्तर पर खेल स्टेडियमों का निर्माण, बच्चों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के लिए अन्य राज्यों में भेजना, और अन्य खेल सुविधाओं का विस्तार शामिल है। अब तक राज्य में 250 से अधिक स्टेडियमों का निर्माण पूरा किया जा चुका है।
खेलों के क्षेत्र में नई संभावनाएं
‘बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023’ के तहत खिलाड़ियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन पर डीएसपी और एसडीओ जैसे पदों पर नियुक्त किया जा सकता है। इस नीति के तहत खेलों में उपलब्धियां हासिल करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में सम्मानजनक पदों पर नियुक्ति का अवसर मिल रहा है, जो राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
नीतीश कुमार के इस फैसले ने बिहार में खेलों के प्रति युवाओं की रुचि और महत्व को बढ़ावा दिया है, जिससे आने वाले समय में राज्य के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और भी बेहतरीन प्रदर्शन करने का प्रोत्साहन मिलेगा।
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