छठ पूजा 2024: बिहार की कोकिला शारदा सिन्हा के बिना अधूरा है छठ महापर्व, जानिए उनकी पूरी कहानी

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Samastipur News Bihar

नई दिल्ली: छठ पूजा के गीतों का जिक्र हो और बिहार की मशहूर गायिका शारदा सिन्हा का नाम ना आए, ऐसा संभव ही नहीं है। संगीत की इस देवी ने छठ के पर्व को अपने गीतों से एक नई ऊंचाई दी है। बिहार की ‘कोकिला’ कहलाई जाने वाली शारदा सिन्हा ने टी-सीरीज, एचएमवी और टिप्स के लिए 62 छठ गीत गाए हैं, जो आज भी हर घर में गूंजते हैं और बिना उनके गीतों के छठ का पर्व अधूरा लगता है।

बचपन से संगीत की ओर रुझान

शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ। उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में अधिकारी थे। शारदा को बचपन से ही गायन और नृत्य का शौक था। एक बार स्कूल में सहेलियों के साथ गाते हुए उनकी प्रतिभा को हरि उप्पल ने पहचाना और उनका गीत टेप रिकॉर्डर में रिकॉर्ड कर लिया। उनके परिवार ने उनकी इस कला को आगे बढ़ाने में भरपूर सहयोग दिया।

संगीत के क्षेत्र में ऊंचाइयों का सफर

शारदा सिन्हा ने गायन की हर विधा में हाथ आजमाया, चाहे वो भजन हो, ग़ज़ल हो या पारंपरिक गीत। उन्होंने मैथिली, भोजपुरी और हिंदी भाषाओं में गाने गाए हैं। उनका पहला बॉलीवुड गीत 1989 में फिल्म “मैंने प्यार किया” में था, जिसके लिए उन्हें 76 रुपए मिले थे। इसके बाद “हम आपके हैं कौन” और “गैंग्स ऑफ वासेपुर” में भी उनके गाए हुए गीत जैसे “तार बिजली से पतले हमारे पिया” बेहद लोकप्रिय हुए।

छठ के विशेष गीत जो आज भी हर घर में बजते हैं

छठ पर्व के उनके प्रसिद्ध गीतों में शामिल हैं:

  • केलवा के पात पर उगेलन सूरज देव
  • हो दीनानाथ
  • बहंगी लचकत जाए
  • रोजे रोजे उगेला सूरज
  • सुन छठी माई इन गीतों के बिना छठ पर्व की कल्पना भी अधूरी लगती है। संगीत के प्रति उनके समर्पण को देखकर उनके पिता ने उन्हें भारतीय नृत्य कला केंद्र में दाखिला दिलाया, जहां उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली।

संगीत की शुरुआत और पहला ब्रेक

1971 में शारदा सिन्हा के करियर में बड़ा मोड़ आया जब एचएमवी ने एक प्रतिभा खोज प्रतियोगिता आयोजित की। लखनऊ में ऑडिशन के दौरान, उनके पति के आग्रह पर एचएमवी के रिकॉर्डिंग मैनेजर ने उनका दोबारा टेस्‍ट लिया, जहां उनका गाया हुआ गीत “यौ दुलरुआ भैया” सुनते ही उनका चयन हो गया। इसके बाद उनके गीत घर-घर में गूंजने लगे।

लोकप्रिय गाने जो लोगों के दिलों में बसे हैं

शारदा सिन्हा के कुछ लोकप्रिय गानों में शामिल हैं:

  1. रामजी से पूछे जनकपुर के नारी
  2. केलवा के पात पर उगेलन सुरज देव
  3. कांचह‍ि बांस के बहंग‍िया
  4. तार बिजली से पतले हमारे पिया
  5. बाबुल जो तूने सिखाया

विशेष प्रस्तुतियां और सम्मान

वर्ष 1988 में, मॉरीशस के स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने अपनी प्रस्तुति दी। इसके अलावा, उन्होंने वसंत महोत्सव में भी भाग लिया। छठ पर्व पर उनके गीत हमेशा विशेष रहे हैं। उन्होंने बिहार उत्सव, 2010 में नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भी अपनी प्रस्तुति दी।

पुरस्कार और सम्मान

  1. पद्मश्री पुरस्कार (1991) – भारत सरकार द्वारा।
  2. संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (2001) – संगीत में योगदान के लिए।
  3. सिनेयात्रा पुरस्कार (2015) – बिहार सरकार द्वारा।
  4. पद्म भूषण पुरस्कार (2018) – कला और संस्कृति में योगदान के लिए।

शारदा सिन्हा आज भी बिहार और देश के हर कोने में छठ पूजा के दौरान लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए हैं। उनका संगीत और छठ गीतों के प्रति योगदान इस पर्व को और भी खास बना देता है।

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Sonu Kumar

Sonu Kumar is an experienced news editor with over a decade in journalism, currently leading editorial efforts at SamastipurNews.in. Renowned for her commitment to journalistic integrity and precision, Sonu Kumar has developed a reputation for curating insightful, unbiased news content that resonates with readers. She holds a Master’s degree in Journalism and Mass Communication, equipping her with deep expertise in media ethics and storytelling.

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