दिल्ली: बिहार के पैक्स (प्राथमिक कृषि साख सोसायटी) से हटाए गए एक लाख से अधिक सदस्यों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक राहत भरा फैसला सुनाया है। गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया कि सभी हटाए गए सदस्यों की सदस्यता को बहाल किया जाए। यह फैसला राज्य में अगले महीने होने वाले पैक्स चुनावों से पहले काफी अहम माना जा रहा है।
पटना हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है, जिसमें पैक्स सदस्यता के नियम 7 (4) को असंवैधानिक मानते हुए इसे नियमावली से हटाने का आदेश दिया गया था। इस निर्णय के परिणामस्वरूप, सभी निष्कासित सदस्यों की सदस्यता पुनर्स्थापित की जाएगी और उनके नामों को मतदाता सूची में शामिल करने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
सहकारिता विभाग ने जारी किया आदेश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, सहकारिता विभाग ने सभी सहायक निबंधक और जिला सहकारिता पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि हटाए गए सदस्यों की सदस्यता को तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए और उनके नाम मतदाता सूची में शामिल किए जाएं। इसके साथ ही, सहकारिता विभाग ने पूर्व के उस आदेश को भी वापस ले लिया है, जिसमें नियम7 (4) को नियमावली से हटाने का आदेश दिया गया था। इस मामले में विभाग ने संबंधित अधिसूचना भी जारी की है।
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