Bihar Train News: रेलवे बोर्ड जनवरी 2025 में नई समय सारणी जारी करेगा। इस दौरान कई ट्रेनों का सुपरफास्ट दर्जा खत्म हो सकता है क्योंकि उनकी रफ्तार धीमी हुई है और स्टॉपेज (ठहराव) की संख्या बढ़ गई है। अगर ऐसा होता है तो यात्रियों को फायदा होगा क्योंकि उन्हें सुपरफास्ट चार्ज नहीं देना पड़ेगा। बिहार से गुजरने वाली कई ट्रेनें इस बदलाव से प्रभावित हो सकती हैं।
क्यों छिन सकता है सुपरफास्ट का दर्जा?
रेलवे बोर्ड ने ट्रेनों की गति और ठहराव के आधार पर उनकी समीक्षा की है। सुपरफास्ट ट्रेनों की न्यूनतम गति 90 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए, लेकिन बढ़ते स्टॉपेज की वजह से कई ट्रेनों की औसत गति 70-75 किमी प्रति घंटा पर आ गई है। इस वजह से इनसे सुपरफास्ट का दर्जा छीना जा सकता है।
रेलवे बोर्ड इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इसके लिए नवंबर 2024 में सभी रेलवे जोनों और मंडलों से ट्रेनों की गति, समय और स्टॉपेज की रिपोर्ट मांगी गई थी। इन रिपोर्ट्स के आधार पर रेलवे बोर्ड जनवरी 2025 में नई समय सारणी जारी करेगा।
यात्रियों को क्या होगा फायदा?
यदि किसी ट्रेन से सुपरफास्ट का टैग हटा दिया जाता है, तो यात्रियों को अतिरिक्त सुपरफास्ट चार्ज नहीं देना होगा। उदाहरण के तौर पर:
- सुपरफास्ट चार्ज स्लीपर क्लास में ₹30, एसी 3 टियर में ₹45 और एसी 2 टियर में ₹75 होता है।
बिहार की कौन सी ट्रेनें होंगी प्रभावित?
पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) के तहत चलने वाली कई ट्रेनें इस बदलाव से प्रभावित हो सकती हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- सप्तक्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस
- बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस
- वैशाली एक्सप्रेस
- स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस
इनमें से दो ट्रेनों पर सुपरफास्ट का दर्जा छिनने का खतरा मंडरा रहा है।
नई समय सारणी का मकसद क्या है?
रेलवे बोर्ड का मकसद ट्रेनों की वास्तविक गति और ठहराव के आधार पर उनकी श्रेणी तय करना है। ऐसा इसलिए क्योंकि:
- ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
- स्टेशनों पर ठहराव बढ़ने से ट्रेनों की औसत गति प्रभावित हो रही है।
समय सारणी में देरी क्यों हुई?
आमतौर पर रेलवे हर साल जून और अक्टूबर में समय सारणी अपडेट करता है। लेकिन 2024 में समय सारणी अपडेट नहीं हुई। इस कारण अब 2025 में बड़े बदलाव की उम्मीद है।
यात्रियों को यह बदलाव कैसे प्रभावित करेगा?
- सुपरफास्ट चार्ज खत्म होने से किराए में कमी आएगी।
- ट्रेन के लेट होने की संभावना बढ़ सकती है क्योंकि सुपरफास्ट का दर्जा हटने के बाद ट्रेनें सामान्य गति से चलेंगी।
रेलवे बोर्ड जल्द ही आधिकारिक घोषणा कर सकता है। बिहार से गुजरने वाली कई ट्रेनों में ये बदलाव देखे जाएंगे।
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