पटना: जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पार्टी गठन के बाद बड़ा झटका लगा है। जनसुराज की कोर कमेटी में शामिल दो वरिष्ठ नेताओं, पूर्व सांसद मुनाजिर हसन और पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव, ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। दोनों नेताओं ने निजी कारणों का हवाला देते हुए पार्टी नेतृत्व को अपना त्यागपत्र सौंपा है।
क्या है पूरा मामला?
जनसुराज की कोर कमेटी के गठन के साथ ही अंदरूनी असंतोष की खबरें सामने आने लगीं। बताया जा रहा है कि वरिष्ठ नेताओं की वरीयता को दरकिनार किया गया, जिससे भारी बेचैनी उत्पन्न हुई।
- मुनाजिर हसन को 20वें स्थान पर रखा गया, जो उनके समर्थकों के बीच नाराजगी का बड़ा कारण बना।
- देवेंद्र प्रसाद यादव भी पार्टी में वरिष्ठता की अनदेखी से असहज महसूस कर रहे थे।
दोनों नेताओं के इस्तीफे के बाद M-Y (मुस्लिम-यादव) समीकरण को लेकर जनसुराज को बड़ा झटका लग सकता है।
कौन हैं मुनाजिर हसन?
- जन्म: 5 फरवरी 1957।
- राजनीतिक सफर:
- 2009 से 2014 तक 15वीं लोकसभा के सांसद।
- बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व।
- 22 जुलाई 2024 को जनसुराज पार्टी में शामिल हुए।
- कारण: कोर कमेटी में 20वें स्थान पर रखने से बेचैनी और असंतोष।
कौन हैं देवेंद्र प्रसाद यादव?
- जन्म: वरिष्ठ समाजवादी नेता और झंझारपुर के पूर्व सांसद।
- राजनीतिक सफर:
- विधायक: 1977-1990 तक फुलपरास विधानसभा से।
- सांसद: 1989-2009 तक झंझारपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व।
- मंत्री:
- जून 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री देवेगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल के मंत्रिमंडल में खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री।
- कारण: पार्टी में वरिष्ठता की अनदेखी।
जनसुराज पर क्या असर पड़ेगा?
- M-Y समीकरण कमजोर:
मुनाजिर हसन और देवेंद्र प्रसाद यादव के इस्तीफे से जनसुराज का मुख्य वोट बैंक (मुस्लिम-यादव) कमजोर हो सकता है। - आंतरिक असंतोष:
वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी पार्टी में गहराता संघर्ष उजागर करती है। - प्रशांत किशोर की रणनीति पर सवाल:
पार्टी के शुरुआती दिनों में ही दो कद्दावर नेताओं का जाना पार्टी नेतृत्व के लिए बड़ा झटका है।
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