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बिहार न्यूज़ / नीलगाय और जंगली सूअरों को मारने का सरकार ने लिया बहुत बरा फैसला

नीलगाय और जंगली सूअरों को मारने का सरकार ने लिया बहुत बरा फैसला

Reported by: Ground Repoter | Written by: Saurabh Thakur | Agency: SN Media Network
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बिहार में नीलगाय और जंगली सूअरों द्वारा फसलों को हो रहे नुकसान को देखते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के पांच जिलों—वैशाली, पूर्वी चंपारण, बक्सर, सीवान और समस्तीपुर—में इन जानवरों को मारने का अभियान शुरू किया जाएगा। इस फैसले की घोषणा 24 सितंबर को राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के दौरान की गई।

नीलगाय और जंगली सूअरों को मरने का सरकर ने लिया बहुत बरा फैसला
नीलगाय और जंगली सूअरों को मरने का सरकर ने लिया बहुत बरा फैसला

अभियान का मकसद और प्रक्रिया

प्रभावित जिलों में अभियान की शुरुआत "निर्धारित प्रक्रियाओं" के अनुसार की जाएगी। इन जिलों में नीलगाय और जंगली सूअर फसलों को भारी नुकसान पहुँचा रहे हैं, जिससे किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बैठक में कहा गया कि जहां समस्या गंभीर है, वहां एक बार में 50 जानवरों को मारने की अनुमति होगी। इन जानवरों को मारने से लेकर उनके दफनाने तक की प्रक्रिया में ग्राम मुखियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

अधिकारी और विभाग की जिम्मेदारी

इस अभियान की रणनीति को सफल बनाने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग, कृषि विभाग और पंचायती राज विभाग के अधिकारी मिलकर काम करेंगे। हर जिले में इन विभागों के अधिकारी नीलगाय और जंगली सूअर से निपटने के लिए संयुक्त रूप से योजना तैयार करेंगे।

संख्या और समस्या का पैमाना

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इन जिलों में लगभग तीन लाख नीलगाय और 67,000 जंगली सूअर हैं। ये जानवर झुंड में घूमते हैं और एक दिन में कई एकड़ फसलें नष्ट कर देते हैं। किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए रात-रात भर जागना पड़ता है। इसके अलावा, नीलगाय के कारण सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ गई हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में चिंता का विषय बन रही हैं।

किसानों को मुआवजा मिलेगा

सरकार उन किसानों को मुआवजा भी देगी जिनकी फसलें इन जानवरों द्वारा नष्ट की गई हैं। प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।

निष्कर्ष

बिहार के इन पांच जिलों में नीलगाय और जंगली सूअर किसानों के लिए बड़ी समस्या बने हुए हैं। सरकार द्वारा शुरू किए गए इस अभियान से उम्मीद है कि फसलों को नुकसान से बचाने में मदद मिलेगी और किसानों की आर्थिक स्थिति को भी सुधारने में सहारा मिलेगा।

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First Published : September 25, 2024, 11:16 AM IST

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