राजगीर: बिहार के राजगीर स्थित रत्नागिरी पहाड़ पर बने विश्व शांति स्तूप की 55वीं वर्षगांठ के अवसर पर बड़ा आयोजन होने जा रहा है, जो 25 अक्तूबर को मनाया जाएगा। इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शामिल होने की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने तैयारियों को तेज कर दिया है और स्तूप तक जाने वाले रास्ते के दोनों किनारों पर बनी अवैध दुकानों को हटा दिया गया है।
अवैध दुकानें हटाने की कार्रवाई
रत्नागिरी पहाड़ पर बने विश्व शांति स्तूप के पैदल मार्ग के दोनों ओर पिछले कई वर्षों से अवैध रूप से दुकानें लगाई जा रही थीं। इन दुकानों के कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा था और वन्य क्षेत्र में प्लास्टिक और अन्य कचरे का अंबार जमा हो गया था। इसके अलावा, वन्य जीव सैलानियों के मार्ग में आने लगे थे, जिससे सुरक्षा और सफाई दोनों पर सवाल उठने लगे थे। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग ने मिलकर करीब 55 अवैध दुकानों को हटाने की कार्रवाई की, जिससे इलाके को साफ-सुथरा किया जा सके।
दुकानदारों की नाराजगी
हालांकि, इस कार्रवाई से दुकानदारों में नाराजगी देखने को मिली। दुकानदारों का कहना है कि बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस के उनकी दुकानें हटा दी गईं। उनका दावा है कि दुकानों को तोड़ने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है और अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
आयोजन की तैयारियां और सीएम का संभावित आगमन
25 अक्तूबर को विश्व शांति स्तूप की 55वीं वर्षगांठ के अवसर पर बौद्ध श्रद्धालु राजगीर पहुंचकर स्तूप में पूजा-अर्चना करेंगे। इस कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक स्तर पर व्यापक तैयारियां की जा रही हैं, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी इसमें शामिल होने की संभावना है।
नए दुकानदारों को मिलेगा मौका
नालंदा के डीएफओ (वन संरक्षक) राजकुमार एम ने बताया कि विश्व शांति स्तूप के पास 20 से 30 नई दुकानों का निर्माण सरकारी स्तर पर किया जाएगा। ये दुकानें टेंडर प्रक्रिया के तहत अलॉट की जाएंगी, और पहले से दुकान चला रहे युवाओं को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि उनके रोजगार पर असर न पड़े।
विश्व शांति स्तूप का ऐतिहासिक महत्व
विश्व शांति स्तूप का निर्माण जापानी बौद्ध भिक्षु फुजाई गुरुजी द्वारा 25 अक्तूबर 1978 को राजगीर के रत्नागिरी पहाड़ पर किया गया था। तब से हर साल 25 अक्तूबर को यहां वर्षगांठ मनाई जाती है। माना जाता है कि इसी पर्वत से भगवान बुद्ध ने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया था। विश्व शांति स्तूप का यह स्थान न केवल बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है, जहां पंच पहाड़ियों के मनोरम दृश्य देखने को मिलते हैं।
इस वार्षिक उत्सव में दुनिया भर से बौद्ध भिक्षु और श्रद्धालु भाग लेते हैं, जो शांति और सद्भाव का संदेश फैलाते हैं।
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