बिहार न्यूज: बिहार में अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार करने वालों के लिए अब सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। बिहार मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट, 2011 लागू होने के बाद, अगर कोई अस्पताल में तोड़फोड़ करता है या डॉक्टरों और स्टाफ के साथ बुरा व्यवहार करता है, तो उसे तीन साल तक की जेल और 50,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
कानून का उद्देश्य और जागरूकता
इस कानून का मुख्य मकसद डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में के एल बी सिंह, जन स्वास्थ्य कल्याण समिति के सचिव, ने बताया कि अगर कोई मरीज या उसके परिजन डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नए नियमों का प्रभाव
अब यह कानून सभी सरकारी और रजिस्टर्ड प्राइवेट अस्पतालों पर लागू होगा। इसका मतलब है कि किसी भी अस्पताल में डॉक्टरों के साथ मारपीट करना या अभद्र व्यवहार करना गैर-जमानती अपराध होगा। इसके लिए आरोपी को तीन साल की सजा और ₹50,000 तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
जागरूकता के लिए अभियान
इस नए कानून की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए जगह-जगह पोस्टर लगाए जा रहे हैं। इससे उम्मीद है कि लोग डॉक्टरों के प्रति अधिक सम्मान दिखाएंगे और अस्पतालों में एक सुरक्षित माहौल बनेगा।
बिहार सरकार ने इस कदम से स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इससे न सिर्फ डॉक्टरों को सुरक्षा मिलेगी, बल्कि आम जनता को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
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