Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट आ गई है। जैसे-जैसे 2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे हर पार्टी अपने दांव चल रही है। लेकिन इस बार माहौल कुछ अलग है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जुलाई को बिहार के मोतिहारी में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करने आ रहे हैं। चंपारण की मिट्टी वैसे भी हमेशा से बदलाव की जननी रही है, और अब एक बार फिर ये धरती राजनीतिक लहर की गवाह बनने जा रही है।
मोतिहारी की सभा से चंपारण की 24 सीटों पर पड़ेगा सीधा असर

प्रधानमंत्री मोदी की इस सभा को केवल एक चुनावी कार्यक्रम समझना भूल होगी। इस बार उनके निशाने पर पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर और मुजफ्फरपुर की कुल 24 विधानसभा सीटें हैं। 2020 के चुनाव में इन 24 सीटों में से 19 सीटों पर एनडीए ने जीत का परचम लहराया था, वहीं केवल 5 सीटें महागठबंधन के खाते में गई थीं। ऐसे में पीएम मोदी की यह सभा इन सीटों को एक बार फिर से एनडीए के पक्ष में मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है।
चंपारण जहां भाजपा का जलवा अब भी कायम है
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चंपारण की धरती को एनडीए का गढ़ कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में पूर्वी चंपारण की 12 में से 9 और पश्चिम चंपारण की 9 में से 8 सीटें एनडीए ने जीत ली थीं। भाजपा अकेले ही 15 सीटों पर काबिज है। वहीं शिवहर की एकमात्र सीट पर राजद को 2020 में सफलता मिली थी, लेकिन विधायक चेतन आनंद के जदयू में शामिल हो जाने से वह सीट भी अब एनडीए के पास है।
2015 का झटका और 2025 की तैयारी
Bihar Election 2025 अगर हम 2015 की बात करें, तो उस चुनाव में जदयू और भाजपा अलग-अलग चुनाव लड़े थे। नीतीश कुमार के एनडीए से बाहर होने का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा और चंपारण की 12 में से केवल 5 सीटें ही एनडीए जीत सका था। लेकिन अब समीकरण बदल चुके हैं। नीतीश कुमार फिर से एनडीए के साथ हैं, और 2025 में भाजपा और जदयू दोनों मिलकर एक-एक सीट जीतने की योजना पर काम कर रहे हैं।
जनसभा से पहले मैदान में उतरे एनडीए के नेता
प्रधानमंत्री की सभा को सफल बनाने के लिए एनडीए के तमाम छोटे-बड़े नेता, विधायक, सांसद और कार्यकर्ता दिन-रात एक कर रहे हैं। गांव-गांव, टोले-टोले जाकर लोगों को इस जनसभा के महत्व के बारे में बताया जा रहा है। मोदी की मौजूदगी से लोगों में जोश है, और उम्मीद है कि यह सभा न सिर्फ एक राजनीतिक इवेंट होगी बल्कि एनडीए के लिए एक नई ऊर्जा और रणनीति का केंद्र भी बनेगी।
बिहार के भविष्य की दिशा तय करेगी यह जनसभा

Bihar Election 2025 इस बार की मोदी की सभा सिर्फ चंपारण तक सीमित नहीं है, इसका असर पूरे बिहार की राजनीति पर पड़ सकता है। प्रधानमंत्री की छवि और उनके भाषण की ताकत हर वर्ग के मतदाता को जोड़ती है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि चंपारण से उठने वाली राजनीतिक लहर 2025 के चुनाव परिणामों की दिशा तय कर सकती है।
Disclaimer: यह लेख चुनावी घटनाओं और उपलब्ध सूचनाओं पर आधारित है। इसमें व्यक्त विचार पूरी तरह लेखक के हैं और इनका उद्देश्य किसी राजनीतिक दल का प्रचार या विरोध करना नहीं है। पाठकों से अनुरोध है कि वे अपने विवेक से निर्णय लें।
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