पटना: Bihar Election 2025 को स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने अभूतपूर्व और बड़े पैमाने पर तैयारी की है। पहली बार बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर अलग-अलग जनरल ऑब्जर्वर (सामान्य पर्यवेक्षक) की तैनाती की जा रही है, जो हर क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी करेंगे। इसके साथ ही, इस पूरी चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए लगभग 8.5 लाख कर्मियों (8.5 lakh personnel) को तैनात करने की योजना है, जो जमीनी स्तर पर चुनावी मशीनरी को संभालेंगे।
हर सीट पर एक ऑब्जर्वर: पारदर्शिता की नई मिसाल
निर्वाचन आयोग ने बिहार चुनाव 2025 में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब तक चुनिंदा या संवेदनशील क्षेत्रों में ही ऑब्जर्वर की तैनाती की जाती थी, लेकिन इस बार 243 विधानसभा सीटों पर पहली बार एक-एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को जनरल ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किया जा रहा है।
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पर्यवेक्षकों की भूमिका: ये पर्यवेक्षक चुनाव आयोग की "आँख, नाक और कान" होंगे। वे नामांकन से लेकर मतदान और मतगणना तक की पूरी प्रक्रिया पर पैनी नजर रखेंगे। शिकायतों का निवारण: चुनाव से जुड़ी किसी भी शिकायत को ये पर्यवेक्षक सीधे सुनेंगे और उनका त्वरित निवारण सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा, 38 पुलिस पर्यवेक्षकों और उम्मीदवारों के खर्चों पर नजर रखने के लिए 67 व्यय पर्यवेक्षकों की भी तैनाती होगी।
8.5 लाख कर्मियों की विशाल टीम होगी तैनात
बिहार चुनाव 2025 में मतदाता सुरक्षा, सुविधा और सुचारू मतदान सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग ने एक विशाल कार्यबल को प्रशिक्षित किया है। कुल कर्मियों की संख्या रिपोर्ट्स के अनुसार, इस चुनावी महासंग्राम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए करीब 8.5 लाख चुनावी कर्मियों को तैनात किया जाएगा। इसमें मतदान अधिकारी (Polling Officers), सुरक्षाकर्मी, बीएलओ (BLO), और अन्य सहायक कर्मचारी शामिल हैं।
मतदान केंद्रों में वृद्धि: मतदाताओं की सुविधा और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों को ध्यान में रखते हुए इस बार पोलिंग बूथों की संख्या बढ़ाई गई है। पिछले लोकसभा चुनाव 2024 में 77,462 पोलिंग स्टेशन थे, जो बढ़कर अब 90,712 कर दिए गए हैं। पहचान की सुरक्षा: फर्जी मतदान रोकने के लिए हर बूथ पर आंगनवाड़ी सेविकाएं भी तैनात रहेंगी। इनकी मदद से खासकर घूंघट या बुर्का पहने महिला मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित की जाएगी, ताकि कोई भी उनकी जगह फर्जी वोटिंग न कर सके।
वरिष्ठ और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष सुविधा
बिहार चुनाव 2025 में ECI ने समावेशी मतदान (Inclusive Voting) पर विशेष जोर दिया है। पोस्टल बैलट (डाक मतपत्र): 85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग मतदाताओं, दिव्यांगजनों और सेवा मतदाताओं को पहली बार डाक मतपत्र के माध्यम से अपने वोट डालने की सुविधा दी जाएगी। यह कदम सुनिश्चित करता है कि कोई भी पात्र मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित न रहे। मतदाताओं की संख्या: बिहार में कुल 7.43 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें लगभग 14 लाख पहली बार वोट डालने वाले (First Time Voters) युवा शामिल हैं।
बिहार चुनाव 2025 के लिए निर्वाचन आयोग की ये बड़ी और व्यापक तैयारियां स्पष्ट करती हैं कि ECI इस बार के चुनाव को अब तक का सबसे पारदर्शी और व्यवस्थित चुनाव बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। 243 सीटों पर अलग ऑब्जर्वर और 8.5 लाख कर्मियों की तैनाती यह सुनिश्चित करेगी कि हर मतदाता बिना किसी डर या बाधा के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
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