बांका: बिहार के बांका जिले में अवैध बालू तस्करी के मामले में पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता के कारण बेजुबान घोड़ों के साथ पशु क्रूरता की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। स्थानीय घाटों से अवैध रूप से बालू ढोने के लिए घोड़ा गाड़ियों का उपयोग किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप इन जानवरों के शरीर पर अनगिनत जख्म हो रहे हैं। तस्करी के इन मामलों में पुलिस की निष्क्रियता और प्रशासन की कमजोर कार्रवाई ने इस गंभीर समस्या को और बढ़ावा दिया है।
बालू तस्करी पर प्रशासन की विफलता
बालू तस्करी और अवैध खनन को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा किए गए दावों का कोई असर धरातल पर देखने को नहीं मिल रहा है। बांका जिले के अमरपुर और किशनपुर के आसपास के घाटों से रोजाना बालू की तस्करी हो रही है, जहां घोड़ा गाड़ियां इस्तेमाल की जा रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि तस्कर दिन के उजाले में तीन पहिया रिक्शा को घोड़ा गाड़ी के रूप में बदलकर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इन गाड़ियों को खींचने के लिए घोड़े का शोषण किया जा रहा है, और इनकी देखभाल और खानपान की स्थिति भी अत्यंत खराब है।
पशु क्रूरता के मामले बढ़ते जा रहे हैं
घोड़ा गाड़ियों पर काम करने वाले घोड़ों के शरीर पर लगातार जख्म हो रहे हैं। तस्कर घोड़े को घंटों तक काम पर लगाए रखते हैं, लेकिन उसकी सही देखभाल नहीं करते। जब घोड़ा काम करने लायक नहीं रहता, तो उसे छोड़ दिया जाता है और वह बिना इलाज के सड़क पर भटकता है। बेजुबान घोड़े की हालत इतनी खराब हो जाती है कि वह चलने तक में सक्षम नहीं रहते। यह पूरी स्थिति पशु क्रूरता कानून का उल्लंघन है, लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
तस्करी का काला धंधा और पुलिस की चुप्पी
तस्कर इन घोड़ा गाड़ियों पर 30 से 40 बालू की बोरियां भरकर अमरपुर और आसपास के क्षेत्रों में 1000 से 1500 रुपये प्रति गाड़ी की दर से बेचते हैं। इन अवैध गतिविधियों के बावजूद पुलिस प्रशासन पूरी तरह से असफल साबित हो रहा है। एक ओर जहां कुछ स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, वहीं दूसरी ओर यह गोरखधंधा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मालदेवचक, परिदपुर, तारडीह, और किशनपुर घाटों से बालू की तस्करी हो रही है, जबकि पुलिस इस मामले में बिल्कुल भी सख्त नहीं है। यहां तक कि कुछ स्थानीय लोग तस्करों से मिलकर इस अवैध कारोबार में संलिप्त हैं। कुछ आरोप यह भी हैं कि गोलीबारी की घटनाएं भी इन अवैध गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं।
कुमार रंजन का बयान और प्रशासन की कार्रवाई
खनन पदाधिकारी कुमार रंजन ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हाल ही में मादाचक घाट से एक ट्रैक्टर पकड़ा गया था और उस पर केस भी दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि घोड़ा गाड़ियों के खिलाफ छापेमारी की जाएगी और इसमें संलिप्त तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, यह देखना होगा कि प्रशासन इस पर कितनी जल्दी और प्रभावी कार्रवाई करता है, ताकि इन बेजुबान जानवरों को बचाया जा सके और अवैध बालू तस्करी को रोका जा सके।
निष्कर्ष
बिहार में अवैध बालू तस्करी और बेजुबान घोड़ों पर हो रही क्रूरता एक गंभीर समस्या बन चुकी है। पुलिस और प्रशासन की लचर कार्रवाई के कारण इस गोरखधंधे का खात्मा नहीं हो पा रहा है। स्थानीय लोग और पशु प्रेमी इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस पर सख्त कार्रवाई करे और बेजुबान पशुओं की रक्षा करे।
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