जहानाबाद: ग्रामीणों ने शराब बनाने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया, युवाओं को बचाने की पहल

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बिहार के जहानाबाद जिले में ग्रामीणों ने नशा मुक्त समाज की दिशा में एक अनोखा और प्रभावी कदम उठाया है। घोसी थाना क्षेत्र के सैदपुर गांव के निवासियों ने शराब बनाने और सेवन करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। यह पहल न केवल शराबबंदी कानून को मजबूती देने का प्रयास है, बल्कि नई पीढ़ी को नशे से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

ग्रामीणों की एकजुटता और अपील

ग्रामीणों ने तख्तियां लेकर शराबबंदी के समर्थन में रैली निकाली और प्रशासन से इस अभियान में सहयोग की मांग की। उनका कहना है कि गांव में अवैध शराब निर्माण और सेवन के कारण युवा वर्ग नशे की चपेट में आ रहा है। इसी को देखते हुए सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया गया है कि जो लोग शराब बनाते या पीते हैं, उनका बहिष्कार किया जाएगा।

अवैध शराब निर्माण पर प्रशासन की कार्रवाई

ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस समय-समय पर छापेमारी करके अवैध शराब भट्टियों को नष्ट करती है। हालांकि, कुछ समय बाद यह अवैध कारोबार फिर से शुरू हो जाता है। ग्रामीणों का मानना है कि प्रशासनिक प्रयास अकेले पर्याप्त नहीं हैं, और सामाजिक जागरूकता के बिना यह समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हो सकती।

शराबबंदी कानून के आठ साल बाद भी चुनौतियां

बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुए आठ साल से अधिक हो चुके हैं। प्रमोद कुमार नामक एक ग्रामीण का कहना है कि इसके बावजूद कई गांवों में अवैध शराब निर्माण जारी है। प्रशासन की कानूनी कार्रवाई प्रभावी तो है, लेकिन पूरी समस्या का समाधान नहीं कर पाई है। ऐसे में सैदपुर गांव के लोगों ने नशामुक्ति अभियान को सामुदायिक स्तर पर चलाने का बीड़ा उठाया है।

युवा पीढ़ी को बचाने की कोशिश

ग्रामीणों का उद्देश्य केवल शराबबंदी का समर्थन करना नहीं, बल्कि युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त से बाहर निकालना है। उन्होंने कहा कि यह अभियान जागरूकता फैलाने और सामूहिक प्रयास के जरिए नशा मुक्त समाज बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

सामाजिक पहल बन सकती है मिसाल

यह सामाजिक अभियान न केवल सैदपुर गांव, बल्कि अन्य इलाकों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। यदि अन्य गांव भी इस पहल का अनुसरण करें, तो बिहार में शराबबंदी कानून को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकता है।

ग्रामीणों की यह एकजुटता और जागरूकता अभियान शराबबंदी की दिशा में एक नई उम्मीद जगाती है। समाज के हर वर्ग को इस अभियान में भाग लेना चाहिए ताकि नशा मुक्त बिहार का सपना साकार हो सके।

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