बिहार विधान परिषद में शुक्रवार को शिक्षकों से जुड़े मुद्दों पर गरमागरम बहस हुई। सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ने शिक्षकों के वेतन कटौती और महिला शिक्षकों के मातृत्व अवकाश से जुड़े मामलों पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को कठघरे में खड़ा कर दिया। इसके बाद सरकार ने अहम फैसले लेते हुए कहा कि जिन शिक्षकों का वेतन काटा गया था, उनका पैसा वापस किया जाएगा।
क्या था विवाद?
पूर्व में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक ने निर्देश दिया था कि जो शिक्षक आंदोलन करेंगे, उनका वेतन काट लिया जाएगा। इस आदेश के तहत वीडियो देखकर शिक्षकों का 15 दिनों का वेतन काटा गया।
- सरकार का रुख:
अब शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश बदल दिया गया है। सरकार ने विधान परिषद में आश्वासन दिया है कि जिन शिक्षकों का वेतन काटा गया था, वह वापस किया जाएगा।
महिला शिक्षकों का मुद्दा
महिला शिक्षकों के मातृत्व अवकाश से जुड़े सवाल पर भी शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने जवाब दिया।
- सदन में सवाल:
विपक्ष के नवल किशोर यादव ने पूछा कि मातृत्व अवकाश के दौरान महिला शिक्षिकाओं को वेतन नहीं मिलता और उन्हें इसके लिए बार-बार अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं। - मंत्री का जवाब:
सुनील कुमार ने कहा कि इस मुद्दे पर समीक्षा बैठक हो चुकी है। दिसंबर से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी महिला शिक्षिका को मातृत्व अवकाश के दौरान वेतन से जुड़ी परेशानी न हो। इसके लिए सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे।
क्या होगा आगे?
- वेतन वापसी:
जिन शिक्षकों का आंदोलन के कारण वेतन काटा गया था, उनका पैसा लौटाया जाएगा। - मातृत्व अवकाश पर सुधार:
महिला शिक्षकों को उनके अवकाश के दौरान वेतन समय पर मिलेगा। - सख्त आदेश:
शिक्षा मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि दिसंबर से इन मामलों में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होगी।
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