दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (DMCH) में एक चिकित्सा लापरवाही के मामले के बाद, बिहार सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और कर्मचारियों की उपस्थिति की सख्ती से जांच करने का आदेश दिया है। यह कदम उस घटना के बाद उठाया गया है, जब एक ऑपरेशन के दौरान एक महिला के पेट में ऑपरेशन का कपड़ा छोड़ दिया गया था, जिससे अस्पताल की लापरवाही पर सवाल उठे हैं।
DMCH में चिकित्सा लापरवाही पर सरकार की सख्त प्रतिक्रिया
यह घटना 8 अक्टूबर को हुई, जब समस्तीपुर के ब्रह्मपुर पश्चिमी निवासी शिवम ठाकुर की पत्नी अंजला कुमारी का ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन के बाद 15 अक्टूबर को डिस्चार्ज होने के बाद महिला की स्थिति बिगड़ने लगी। ड्रेसिंग के दौरान महिला के पेट से टेट्रा (ब्लड साफ करने वाला कपड़ा) बाहर निकला, जिसकी खबर मीडिया में सुर्खियां बनीं। इसके बाद सरकार ने तुरंत मामले पर कार्रवाई करने का आदेश दिया।
प्रमंडलीय आयुक्त का निरीक्षण और सख्त निर्देश
लापरवाही के मामले के बाद प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार ने DMCH का औचक निरीक्षण किया, जिसमें उन्होंने इमरजेंसी, सुपर स्पेशलिटी और ओपीडी विभागों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने अनुपस्थित डॉक्टरों और कर्मचारियों की उपस्थिति काटने का निर्देश दिया। आयुक्त ने कहा कि तीनों शिफ्ट के रोस्टर की नियमित जांच की जाएगी और रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी।
सरकार ने अस्पतालों में उपस्थिति पर सख्ती बरतने के आदेश दिए
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मुख्य सचिव ने भी सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और कर्मचारियों की उपस्थिति की सख्ती से जांच करने के निर्देश दिए हैं। सभी अस्पतालों से रोस्टर और रिपोर्ट भेजने को कहा गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्वास्थ्य सेवाओं में कोई लापरवाही न हो।
लापरवाही पर सवाल और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी
अंजला कुमारी की स्थिति ने अस्पतालों की लापरवाही और राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिला के परिवार ने इस मामले में न्याय और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। प्रमंडलीय आयुक्त ने स्पष्ट किया कि इस लापरवाही पर सख्त कदम उठाए जाएंगे, जिससे अस्पतालों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
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