पटना से एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें नालंदा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा है। जानकारी के अनुसार, मृत व्यक्ति की बॉडी से एक आंख गायब पाई गई है, जिससे अस्पताल की सुरक्षा और मेडिकल एथिक्स पर गंभीर सवाल उठे हैं। राजधानी पटना का नालंदा मेडिकल कॉलेज प्रदेश का प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान है, जहां इस प्रकार की लापरवाही की घटना ने सभी को चौंका दिया है।
गोली लगने के बाद ICU में भर्ती था फंटूश
फंटूश, जो नालंदा जिले के हिलसा का निवासी था, गोली लगने के बाद गंभीर स्थिति में था। 14 नवंबर को स्थानीय डॉक्टरों ने फंटूश को बेहतर इलाज के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर किया, जहां उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि, 15 नवंबर की सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आईसीयू डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
परिजनों का आरोप है कि फंटूश की मौत के बाद उसकी एक आंख निकाल ली गई। यह घटना अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा की गई लापरवाही की ओर इशारा करती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आलमगंज थाना पुलिस तुरंत अस्पताल पहुंची और जांच शुरू कर दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है और जल्द ही सच्चाई सामने लाई जाएगी।
अस्पताल की जवाबदेही पर सवाल
यह घटना न केवल मेडिकल एथिक्स बल्कि अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े करती है। ऐसे मामलों में मरीज और उसके परिजनों का विश्वास बहाल करना प्रशासन के लिए एक चुनौती है। नालंदा मेडिकल कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में इस प्रकार की घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया है।
पुलिस जांच जारी
आलमगंज थाना पुलिस ने इस मामले में आवश्यक कदम उठाए हैं और परिजनों से बयान दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच शुरू हो चुकी है और जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल प्रशासन से भी मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है ताकि घटना के कारणों का पता चल सके।
इस मामले की गहन जांच और उचित कार्रवाई से ही पीड़ित परिवार को न्याय मिल सकेगा और अस्पताल में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा।
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