छपरा में शराबकांड का बड़ा खुलासा: बिहार के सारण, सीवान और गोपालगंज जिलों में हाल ही में हुए शराबकांड से 40 से अधिक लोगों की जान चली गई है। इस घटना के बाद प्रशासन ने अवैध शराब के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने छपरा के गौरा थाना क्षेत्र में स्थित कुछ घरों पर छापा मारा, जहां महिलाओं को अपने घर के किचन में शराब बनाते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। इस छापेमारी के दौरान एक महिला को गिरफ्तार किया गया, जिससे कई सवाल उठने लगे हैं।
क्या शराबबंदी हो रही है विफल?
बिहार की नीतीश सरकार ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और समाज सुधार के लिए शराबबंदी कानून लागू किया था। लेकिन ताजा हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं। अब महिलाएं भी बड़ी संख्या में इस अवैध कारोबार में शामिल पाई जा रही हैं। छपरा में हुए शराबकांड के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या बिहार में शराबबंदी का असली उद्देश्य सफल हो पाया है?
शराब कारोबारियों पर पुलिस की सख्ती
छपरा में शराबकांड का बड़ा खुलासा: सारण के एसपी कुमार आशीष ने बताया कि अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने 307 जगहों पर छापेमारी की, जिसमें 62 लोगों को गिरफ्तार किया गया। साथ ही 999.5 लीटर देसी शराब, 17.7 लीटर विदेशी शराब, और 28.4 लीटर स्प्रिट जब्त की गई। पुलिस ने 28 अवैध शराब भट्टियों को ध्वस्त करते हुए 19,082 लीटर अर्धनिर्मित शराब नष्ट किया।
SIT टीम की कार्रवाई
इस विशेष अभियान में SIT टीम ने 75 जगहों पर छापेमारी करते हुए 34.5 लीटर देसी शराब और 28.4 लीटर स्प्रिट जब्त की। इसके साथ ही 20 और शराब भट्टियों को ध्वस्त कर 18,500 लीटर अर्धनिर्मित शराब नष्ट की गई। पुलिस की इस सख्ती के बावजूद शराब के अवैध कारोबार से जुड़ी महिलाओं की बढ़ती संख्या सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है।
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